कांग्रेस के खाते फ्रीज करने पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है। जैन ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था का गला घोटने में लगी है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के खातों पर तालाबंदी नहीं हुई बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर ताले लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जैन ने कहा कि बेशक हल्ला होने के बाद मोदी सरकार ने कांग्रेस को खातों को फिर से खुलवा दिया है लेकिन सरकार की इस हरकत से उनके मंसूबों का पता चल गया है। जैन ने कहा कि केंद्र सरकार की इस हरकत के कारण कांग्रेस को कई तरह की दिक्कतें हुई। भारत जोड़ो न्याय यात्रा को प्रभावित करने के लिए यह खेल किया गया है। साथ ही देशभर में कांग्रेस की गतिविधियां रोकने के लिए अब मोदी सरकार ऐसे हथकंडे अपना रही है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या हमारे देश के अंदर एक पार्टी का ही सिस्टम रहेगा। क्या देश के अंदर वन पार्टी पॉलिटिक्स रहेगी। बाकी दलों के अकाउंट्स फ्रीज हो जाएंगे। बाकी दलों को क्या रहने का अधिकार नहीं है। जैन ने बताया कि केंद्र सरकार 2018-19 के इनकम टैक्स रिटर्न के बेस पर 210 करोड़ की रिकवरी मांग रही है। जबकि अभी 2024 चल रहा है।
उन्होंने कहा कि 5 साल पहले की घटना को लेकर चुनाव से ठीक पहले हमारे अकाउंट्स फ्रीज कर दिए जाते हैं। ये बहुत शर्म की बात है। हमारी मांग है कि भाजपा ने असंवैधानिक रूप से जो पैसे अपने अकाउंट में डाले हैं, उसे सील किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इन पैसों को असंवैधानिक तरीके से इकट्ठा करना बताया है। इसे सील करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इनकम टैक्स विभाग के पास अपनी अर्जी दायर की है।
उम्मीद है कि देश की न्यायपालिका लोकतंत्र की रक्षा करेगी। रोहित जैन ने कहा कि इनकम टैक्स को खाते तो भाजपा के सील करने चाहिए क्योंकि जो असंवैधानिक तरीके से कॉर्पोरेट बांड उन्होंने अपने खातों में डाल रखे हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट गैरकानूनी करार दे चुका है। उन्होंने कहा कि इन बांड के जरिए भाजपा काले धन को सफेद कर रही है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच में जल्द ही पूरा सच देश के सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे खातों में तो कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन डोनेशन के जरिए ये पैसा जमा करवाया हे। इसे इनकम टैक्स और मोदी सरकार फ्रीज नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से स्पष्ट है कि अब देश में लोकतंत्र नहीं रहा। ऐसा लगता है देश में ‘वन पार्टी सिस्टम’ लाने का प्रयास किया जा रहा है।