पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान व प्रदेश के हर हाथ को काम देने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार निरतंर प्रयासरत है। इसके लिए सरकार युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रही है।
हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, बीपीएल परिवार को अपना स्वयं रोजगार स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ उन पात्र परिवारों को मिलेगा जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 1 लाख 80 हजार रुपये (परिवार पहचान पत्र अनुसार) से अधिक न हो, को बैंकों के माध्यम से 1 लाख 50 हजार रुपये तक का ऋण पशुपालन, करियाना दुकान, मनियारी दुकान, बुटीक, ब्यूटी पार्लर, ई-रिक्शा, सूअर पालन या अन्य कोई लाभप्रद योजना इत्यादि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है।
निगम द्वारा कुल लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 10 हजार रुपये तक का अनुदान व 10 प्रतिशत मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक व्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाता है तथा बकाया ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है। इच्छुक आवेदनकर्ता निगम की वेबसाइट पर ऋण आवेदन फार्म भरकर संबंधित जिला कार्यालय में जमा करवाए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एक अन्य योजना के तहत हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से अनुसूचित जाति की महिलाओं को महिला समृद्धि योजना व सूक्ष्म ऋण योजना के तहत महिला व पुरुष दोनों को स्वरोजगार के लिए एक लाख रुपए का ऋण दिया जाता है।
ऋण लेने के लिए आवेदनकर्ता की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा आवेदनकर्ता बेरोजगार होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन योजना के तहत बीपीएल परिवारों को 10 हजार रुपए की सब्सिडी भी दी जाएगी। महिला समृद्धि योजना के तहत महिला सिलाई कार्य, किसी भी प्रकार की दुकान व डेयरी फार्मिंग के लिए ऋण ले सकती है। उन्होंने बताया कि निगम की तरफ से सूक्ष्म ऋण योजना के तहत भी दुकान व डेयरी पालन के लिए एक लाख रुपए का ऋण दिया जाता है।