साइबर ठगी की वारदातों से बचाने के लिए जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर जनहित में एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। आमजन से अपील है की जागरुक व सतर्क होकर साइबर ठगी की वारदातों से बचे।
पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि अंजान नंबर से प्राप्त वीडियों कॉल को अटेंड करने में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि तकनीक के इस युग में हर कोई मोबाइल व कंप्यूटर से जूड़ा हुआ है। इंटरनेट की दुनिया में साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपना कर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अजाम दे रहे हैं।
साइबर फॉड करने वालो ने लोगों को ब्लैकमेलिग करने का नया तरीका अपना लिया है। साइबर अपराधी पहले अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल करते हैं। जिस नंबर से कॉल आता है, उसे अटेंड करने पर सामने न्यूड वीडियों चल रही होती है। कॉल रिसीव करते ही साइबर अपराधी अपने मोबाइल फोन का स्क्रीन शॉट्स ले लेते हैं।
इसमें कॉल करने वाले और कॉल रिसीव करने वाले की तस्वीर कैद हो जाती है। तत्काल उस वीडियों को सामने वाले के पास भेजकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के धमकी देकर ब्लैकमेलिग करना शुरू कर देते है। पीड़ित व्यक्ति अपने सम्मान और साख बचाने के चक्कर में पैसे दे देता है।
उन्होंने आमजन को इस प्रकार की साइबर ठगी से बचने की सलाह देते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास अज्ञात नंबर से किसी भी तरीके से वीडियो कॉल आता है, तो वह उसे अटेंड ना करें। अगर अटेंड कर भी ले तो पहले उसमें अपना चेहरा ना दिखाए। पहले सामने वाले को चेहरा देखे कोई परिचित है तो अपना चेहरा दिखाए नही तो फोन काट दे। साथ ही अटेंड करने से पहले नम्बर की जांच परख अपने स्तर पर कर ले।
निम्न सावधानियां अपनाए;
1.सोशल मीडिया अकाउंट के प्रोफाइल को हमेशा लॉक रखें व अपने फेसबुक प्रोफाईल पर प्राइवेसी सेटिंग लगा के रखें।
2. अंजान नम्बर से आई वीडियो कॉल को रिसीव ना करें। अगर कॉल रिसीव कर ली गई है तो मोबाइल का कैमरा फ्रंट की बजाय रियल मोड पर कर दें।
3. सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक, इंस्टाग्राम) अन्य अकाऊंट में किसी अन्जान नाम से /किसी जानकार के नाम को कॉपी करके बनाए हुए एकाउंट से भेजी हुई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार ना करें।
4.अगर आपकी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी गई है तो उसकी रिपोर्ट कर दें ऐसा करने से यूट्यूब उस वीडियों को यूट्यूब से हटा देगी।
5. किसी भी अजनबी को अपने प्रोफाइल के बारे में पूरी जानकारी ना दें। अपनी पहचान या कोई एड्रेस भी ना दें और ना ही अपना पर्सलन मोबाइल नंबर शेयर करें।
अगर आपके साथ इस प्रकार का फाड हो जाता है तो साइबर क्राइम थाना या नजदीकी थाना में जाकर या नेशनल साईबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cyber- crime.gov.in) पर या साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं।