हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष अधिवक्ता रोहित जैन ने हरियाणा सरकार मंत्रिमंडल द्वारा “द हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल-2024” को मंजूरी दी है जिसमे शव के साथ प्रदर्शन पर सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया गया है उस पर प्रश्न चिह्न उठाते हुए कहा की यह एक जन विरोधी फैसला है जिससे की परिवार का अपने ही किसी प्रियजन के मृत शरीर पर अधिकार छीनने के तुगलकी फरमान है।
जैन ने कहा की हर व्यक्ति अपने प्रियजन की मृत्यु के उपरांत उसके शरीर का सम्मानजनक तरीके से धार्मिक मान्यताओं व रीति रिवाज के अनुसार क्रिया-कर्म करना चाहता है लेकिन कई बार अपने प्रियजन की मृत्यु कस्टडी, लापरवाही, अन्याय आदि में होने के कारण मृतक के परिजन न्याय के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूरी में शव के साथ धरना प्रदर्शन करते है और सरकार तक मृतक के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का यह सिर्फ एक मात्र जरिया होता है।
परंतु अब भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने इस फैसले द्वारा किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर पर उसके परिजनों का अधिकार भी छीन लिया है और शव के साथ धरना-प्रदर्शन या रोड जाम करने पर 6 माह से 5 साल तक कैद व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान कर तुगलकी फरमान जारी किया है।
जैन ने कहा की इस बिल द्वारा यह भी फैसला लिया गया है कि यदि परिवार मृतक का अंतिम संस्कार न करें तो उसके शव का अंतिम संस्कार प्रशासन द्वारा करवाया जाएगा। जैन ने कहा की यह फरमान ना सिर्फ हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन है बल्कि धार्मिक मान्यताओं के भी खिलाफ है।
जैन ने कहा की कि सरकार द्वारा लिए गए फैसले से साफ है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार नहीं चाहती कि सरकारी तंत्र की वजह से होने वाली मौत पर मृतक के परिजन न्याय के लिए अपनी आवाज उठा सकें।
उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार द्वारा लगातार जनविरोधी फैसले लिए जा रहे है व आम जन के खिलाफ नए नए कानून बनाए जा रहे है। जैन ने मांग की कि सरकार को इस जनविरोधी बिल को अमल में लाने से तुरंत रोक देना चाहिए, अन्यथा प्रदेश की जनता चुनाव में इस तानाशाह सरकार को अच्छा सबक सिखाने का काम करेगी।