November 22, 2024

तकनीकि के इस युग में साइबर अपराधी भी अपराध करने के नये नये तरीके अपना रहे हैं। जिसमें एक तरीका फर्जी कस्टमर केयर बनकर लोगों के रुपए ठगना है। साइबर अपराधी फर्जी कस्टमर केयर नंबरों के जरिये आम लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। आम लोग किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर पाने के लिए गूगल का सहारा लेते हैं।

ऐसा करते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी आपकी एक चूक की ताक में बैठे हुए हैं। फेसबुक और ट्विटर से लेकर गूगल तक ये अपराधी फेक कस्टमर केयर नम्बर डालकर रखते हैं। आपने जरा सी गलती की और आप साइबर अपराधियों के जाल में फस जाते हैं।

साइबर अपराधी किसी बैंक, कंपनी या संस्था की वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट बनाने से लेकर सोशल साइटों व गूगल मैप आदि पर गलत नम्बर डालकर रखते हैं। जिस कारण लोग असल और फेक वेबसाइटों में अंतर नही कर पाते है और इन नम्बरों को ही अधिकारिक नम्बर समझ लेते हैं व ऐसे लोगों के झांसे में आकर धोखाधडी का शिकार हो जाते हैं।

एसपी उपासना ने कहा कि जरूरी सावधानियां अपनाकर आमजन गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबरों की पहचान कर सकते है और ठगी होने से बच सकते हैं। गूगल पर कुछ भी सर्च करते समय रिजल्ट में सबसे ऊपर दिख रही वेबसाइट को ही सही नहीं मानें।

सर्च में सबसे ऊपर के रिजल्ट के साथ यदि एड/स्पोंसर्ड लिखा दिख रहा है तो उस पर क्लिक करने से परहेज करें। यदि कोई सरकारी वेबसाइट है तो उसके अंत में जीओवी.इन या एनआईसी.इन जरूर होगा। यदि ऐसा है तो वह वेबसाइट ठीक है।

कोई भी वेबसाइट खोलें तो यह अवश्य जांच लें कि वह सिक्योर है या नहीं। जिस वेबसाइट की शुरुआत में एचटीटीपीएस है तो वह सुरक्षित है। गूगल मैप के रिजल्ट पर कभी भरोसा नहीं करें। इसे कोई भी एडिट कर सकता है।

ट्विटर और फेसबुक पर ब्लूटिक जरूर चेक करें। अगर ये वैरिफाइड है तो सुरक्षित हैं। सोशल मीडिया पर अपराधी, लोगों की शिकायतों पर नजर रखते हैं। आपके शिकायत करते ही इनबॉक्स में कस्टमर केयर बनकर वे अपना नम्बर दे सकते हैं।

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