सरकार द्वारा श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। इस योजना से गांवों और शहरों के उन कुशल कारीगरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो अपने हाथों से काम करके अपना जीवन यापन करते हैं।
इस योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के लागू होने से श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, सुथार, चटाई बनाना, गुडिय़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है।
इस योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना में कारीगरों को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा।
पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। इस योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पंजीकरण के बाद इन कारीगरों को जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने कारीगरों का आह्वान किया कि वे पंजीकरण के लिए निकटतम सामान्य सेवा केंद्रों और अटल सेवा केंद्रों से संपर्क करते हुए योजना का लाभ उठाएं।