November 22, 2024

हरियाणा सरस्वती धरोहर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने जोधपुर राजस्थान में स्थापित इसरो के रिमोट सेंसिंग स्टेशन पर जा कर उन सैटेलाइट को देखा जो लगातार सरस्वती नदी के बहाव की तस्वीरे भेज रहे है।

इसके साथ-साथ उस केंद्र को देखा जहां पर सरस्वती नदी पर शोध व इसरो द्वारा भविष्य में कैसे स्पेस यान देश की प्रगति में शामिल हो सकते है। भारत का भविष्य अब स्पेस की योजना पर निर्भर होगा ऐसा इस सेंटर में आकर देखा।

बोर्ड उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि अभी तक स्पेस में जो सैटलाइट भेजे है, सभी के सभी सरस्वती के पैलियो चैनल को सुबूत के तौर पर पेश कर चुके हैं और अब इस कार्य को धरातल पर लाने की तैयारी राजस्थान में है जिसको लेकर एक रिसर्च सेंटर जोधपुर या जयपुर में स्थापित करने का प्लान है।

सरस्वती बोर्ड की टेक्निकल समिति के सदस्य वह इसरोके पूर्व डायरेक्टर डा. जेआर शर्मा व इस सेंटर के अधिकारियों से चर्चा हुई। इस चर्चा में राजस्थान में सरस्वती बहती रही है। इसको लेकर सभी ने माना की सरस्वती यहां से बहती थी और आज भी उसके अंश यहां पर मिलते हैं।

सरस्वती की शाखा लूनी नदी जो लगभग राजस्थान के आधे हिस्से को क्रॉस करके गुजरात के रन ऑफ कच्छ में गिरती है उसके ऊपर भी शोध कार्य आरंभ किया जा रहा है। माना ये जाता है कि लूनी नदी भी सरस्वती नदी का ही शाखा है और यह ख़ुद भी गुजरात उसी क्षेत्र में गिरती है जिसने सरस्वती नदी गिरती थी।

विगत है कि अबकी बार सरस्वती नदी का पानी सिरसा ओ टू हैड से होते हुए राजस्थान में गया था। इसी सतह को सरस्वती बोर्ड की टीम ने जांचा और पाया कि वह सरस्वती का जो प्राकृतिक बहाव है और राजस्थान से होकर ही गुजरात में जाता है।

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