गीता महोत्सव-2023 में असम प्रदेश को पार्टनर स्टेट के रुप में चयन किया गया। इस राज्य के शिल्पकारों ने करीब 50 लाख रुपए का कारोबार किया है। इन शिल्पकारों का महोत्सव से 2 दिन पहले ही शिल्पकला का सारा समान पर्यटकों द्वारा खरीद लिया गया था।
अहम पहलू यह है कि असम प्रदेश से 150 कलाकारों ने बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए और इस असम पवेलियन में जहां असम प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, खानपान और शिल्पकला से रुबरु होने का प्रदेश के लाखों लोगों को एक अनोखा अवसर हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से उपलब्ध करवाया गया।
खास बात यह है कि इस पवेलियन का उदघाटन भारत के उपराष्टï्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया। इतना ही नहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी पवेलियन का अवलोकन किया था।
महोत्सव में पुरुषोतमपुरा बाग में असम सरकार की तरफ से पवेलियन लगाया गया। इस पवेलियन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार केडीबी और प्रशासन ने असम के कलाकारों और शिल्पकारों को तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई। इस ब्रहमसरोवर के वातावरण, लाखों पर्यटकों की आवाजाही को देखकर असम के शिल्पकार और कलाकार दंग रह गए।
असम कला एवं सांस्कृति विभाग के अधिकारी मुनीष शर्मा का कहना है कि 17 दिसंबर को देश के उपराष्टï्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पवेलियन का उदघाटन किया। इस पवेलियन को 24 दिसंबर तक लाखों लोगों ने विजिट किया और इस पवेलियन की खूब सराहना की है। इन पर्यटकों ने असम की शिल्पकला को खूब पंसद किया।
जिसके चलते वीवीआईपी मुवमेंट के बाद भी 22 दिसंबर तक शिल्पकारों का सारा समान पर्यटकों द्वारा खरीद लिया गया। यहां तक की असम की चायपति को भी लोगों ने हाथों-हाथ खरीद लिया।
उन्होंने कहा कि अगर शिल्पकारों की माने तो लगभग 13 स्टॉलों पर शिल्पकारों ने लगभग 50 लाख रुपए का कारोबार किया और उनका सारा समान पर्र्यटकों द्वारा खरीद लिया गया। यह महोत्सव अपने-आप में एक अनोखा महोत्सव साबित हुआ है। इस धरा पर आने वाले असम के सभी शिल्पकारों और कलाकारों ने प्रदेश सरकार और स्थानीय पर्यटकों की खूब सराहना की है।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त शांतनु शर्मा और अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने उनका हर संभव सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि असम से शिल्पकारों में बारना कुटीर स्टॉल पर मृदुल चांगमाई, सुजीत बारुआ, न्यनज्योति राजखॉवा, मीनाकारी स्टॉल पर मेघाली चेतिया, रिजू मोनी चौधरी, रिनिश बुटिक पर परमिता बारुआ, निशांत हजारकिआ, एनई शिल्पी स्टॉल पर पार्वती मोरारी, चंपा राजबोंगशी, हिरु संगमा, पुर्णिमा तालुकदार, राजेश चौहान शामिल थे।