हिसार सफेदा वैरायटी के एक पेड़ से 50 किलो अमरुद की पैदावार प्राप्त हो रही है। यह पैदावार 5 साल का पेड़ होने पर मिलती है। इस वैरायटी की खेती करने वाले किसान मोटा मुनाफा कमा सकते है। अहम पहलू यह है कि एक अमरुद का वजन 180 ग्राम तक भी हो सकता है। इस हिसार सफेदा वैरायटी की एक लाख पौध हर साल लाडवा और भूना फल केंद्र से सेल की जा रही है।
गीता महोत्सव-2023 में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की तरफ से ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में लगाई गई राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में बागवानी विभाग की तरफ से विशेष स्टॉल लगाया गया है।
इस स्टॉल पर हिसार सफेदा वैरायटी के साथ-साथ किन्नू, संतरा आदि फलों के अलावा घरौंडा सब्जी केंद्र की सब्जियों को भी रखा गया है। यहां पर हिसार सफेदा वैरायटी के अमरुदों को विशेष तौर पर लोग पसंद कर रहे है और इसकी पौध की मांग भी कर रहे है।
बागवानी विभाग से विशेषज्ञ डा. अशोक कुमार का कहना है कि बागवानी विभाग की तरफ से लाडवा और भूना फल केंद्र में नए वैरायटी के फलों को तैयार किया जाता है और भूना में विशेष तौर पर अमरुद की वैरायटी पर काम किया जाता है।
उन्होंने कहा कि हिसार सफेदा अमरुद की एक लाख पौध हर साल बेची जाती है, यह पौध उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल, उतराखंड, पंजाब और हरियाणा के राज्यों से लोग खरीद कर लेकर जाते है। इस वैरायटी का पौधा दूसरे साल में ही फल देना शुरु कर देता है और दूसरे साल में एक पौधे पर 10 किलो अमरुद की पैदावार ली जा सकती है।
इस वैरायटी के पौधे की उम्र 5 साल होने पर एक पेड़ से 50 किलो तक फल की पैदावार ली जा सकती है। इस वैरायटी की खेती करने से किसान मोटा मुनाफा कमा सकते है। एक एकड़ में 15 फीट की दूरी पर पौधा लगाना चाहिए। इस वैरायटी का अमरुद 180 ग्राम तक हो सकता है। इसलिए किसानों को फसल विविधिकरण के तहत अमरुद की खेती की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।