अंतरिक्ष परी स्वर्गीय कल्पना चावला की तरह कर्ण की धरा की एक ओर होनहार, काबिल और जुझारू बेटी संजौली बैनर्जी को ब्रिटेन के किंग चार्ल्स सरकार ने अवार्ड के साथ-साथ खास मेहमान की तरह रिसेप्शन का न्यौता दिया है। यूके से डायना, संयुक्त राष्ट्र संघ और मोसेया से संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार हासिल करने वाली संजौली बैनर्जी ऐसा विशेष न्यौता हासिल करने वाली देश की सबसे कम उम्र की बेटी हैं।
संजौली भारत की 75 मोस्ट पावरफुल व इंस्पारिंग वूमेन में से एक हैं जिन्हें प्रिंस चार्ल्स ने विशेष न्यौते पर बुलाया है। विश्व स्तर पर करनाल का नाम आसमां पर ले जाने के लिए बरसों से लिंग समानता, शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य की अलख जगा रही संजौली बैनर्जी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले इस सम्मान का श्रेय अपने शिक्षक व चिंतक पिता मिहिर बैनर्जी व माता गगन बैनर्जी की प्रेरणा को देती हैं।
आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर संजौली सहित भारत व ब्रिटेन की अन्य 74 पावरफुल महिलाओं को भी खास मेहमान बनकर यहां रिसेप्शन का न्यौता दिया गया है लेकिन हरियाणा व आसपास के राज्यों से ऐसा विशेष सम्मान हासिल करने वाली संजौली अकेली महिला हैं।बकौल संजौली, मैं एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने से खुश हूं।
मैं युवाओं की शक्ति में विश्वास रखती हूं, मेरा दृष्टिकोण हमारे समाज को सामाजिक रूप से जागरूक और सशक्त देखना है, एक युवा व्यक्ति और इस देश के नागरिक के रूप में ये मेरी प्रबल जिम्मेदारी भी है।
सफलता और मुकाम यूं चलकर नहीं आते इसके लिए अथक गंभीर प्रयास करने पड़ते हैं और संजौली बैनर्जी ये प्रयास लगातार मात्र 7 साल की उम्र से कर रही हैं इस कड़ी में आस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा अध्यन्न में स्नातक और सामाजिक कार्य में स्नातकोतर संजौली बैनर्जी ने लिंग समानता, शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य पर जागरूकता की अलख जगाने के लिए विभिन्न समुदायों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है।