कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई प्रदेशों में ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी मशहूर हो चुकी है। इस जलेबी का बेलगांव, कर्नाटक, पांडुचेरी, हैदराबाद, गोवा, शिमला, देहरादून, मेरठ, पंथ नगर, लुधियाना सहित अन्य प्रदेशों के लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते है।
खास बात यह है कि ताऊ बलजीत ने हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक के पर्यटकों के लिए प्रति किलो दाम में 80 रुपए की छूट देते है। इस वर्ष महोत्सव 2023 में पर्यटकों के स्वाद को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने 4 स्थानों, जिनमें नंबर 255, 355, 481 और 819 पर अपने स्टॉल लगाए है।
गांव गोसाना से ताऊ बलजीत की देशी घी वाली जलेबी महोत्सव में अपनेपन की मिठास को घोलने का काम कर रही है। इस महोत्सव में आने वाले पर्यटक अपने-अपने आप ही ताऊ बलजीत के जलेबी के स्टॉल की तरफ खींचे चले आते है।
देशी घी में तैयार की जाने वाली इस जलेबी की सौंधी-सौंधी खुशबूं से बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी अपने आपको जलेबी को खाने से रोक नहीं पाते है। अहम पहलू यह है कि पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने महोत्सव के दोनो तरफ 4 स्टॉल को स्थापित किया गया है।
सोनीपत के गांव गोसाना निवासी ताऊ बलजीत ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 10 सालों से कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में पर्यटकों के स्वाद को बढ़ाने के लिए गोहाना की प्रसिद्ध जलेबियों को लेकर आ रहे हैं और इस बार वे अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में 4 स्टॉलों पर शहर वासियों के लिए देशी घी वाली जलेबियां लेकर आएं है। इस वर्ष एक किलो जलेबी का दाम 320 रुपए रखा गया है।
एक जलेबी का वजन 250 ग्राम हैं। शुद्धता के साथ देशी घी से जलेबी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें व उनके परिजनों विजय कुमार व सुनील कुमार को महोत्सव का तो बेसब्री से इंतजार रहता है, इसलिए वे महोत्सव में पर्यटकों के लिए देशी घी से बनी जलेबियां लेकर आएं है। यहां आकर उन्हें सकून मिलता है और पर्यटकों को स्वादिष्ठ जलेबी खिलाकर मन को भी संतुष्टि मिलती हैं। इसलिए पर्यटकों के स्वाद का विशेष ध्यान रखा जाता है।
उन्होंने कहा कि देशी घी वाली जलेबियों का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में पर्यटक और शहरवासी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं। वे करीब 4 दशकों से जलेबी बनाने का काम कर रहे है। इन सालों में उनकी जलेबी के चाहवानों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
महोत्सव में आने वाले विदेशी पर्यटक भी उनकी जलेबी के कद्रदान है और बड़े चाव के साथ जलेबी के स्वाद को चखने के लिए उनके स्टॉलों पर पहुंचते है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और केडीबी द्वारा उन्हें हर बार पूरा सहयोग मिलता है। प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ अन्य सभी पुख्ता प्रबंध किए गए है।