एक तरफ जहां इस वक़्त पूरा विश्व यूक्रेन-रूस घटनाक्रम से दुखी है, वहीं दूसरी ओर अपने परिवार से दूर चंडीगढ़ के डॉ. सुनील शर्मा रोमानिया बॉर्डर पर भारतीय छात्रों की सहायता में जुटे हैं। वह भारत में बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, यूक्रेन के अधिकृत प्रतिनिधि, चांसलर के सलाहकार और दि एमडी हाउस,चंडीगढ़ के डायरेक्टर हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के पहले ही दिन भारतीय छात्रों की सहायता करने के लिए डॉ. सुनील भारत से रोमानिया चले गए थे और वहां बॉर्डर पर छात्रों को सकुशल निकलने के प्रयास में जुट गए | उन्होंने अब तक लगभग 1500 छात्रों को भारत भेजने में मदद की है और लगभग 3500 छात्रों को बॉर्डर के इस पार से लेकर उस पार तक कैम्पों में रुकवा कर उनकी सुरक्षित वतन वापसी के प्रयास में लगे हैं।
भारतीय दूतावास और रोमानिया व यूक्रेन के दूतावासों के बीच डॉ. सुनील एक सेतु का काम कर रहे हैं | रशियन व् यूक्रेनियन भाषा में जबरदस्त पकड़ के चलते डॉ. सुनील से जहां तीनों देशों के दूतावास अधिकारीयों को सहूलियत हो रही है, वहीं छात्रों को भी उनके खुद बॉर्डर पर मौजूद होने से राहत मिली है।
डॉ. सुनील ने यूक्रेन और रोमानिया बॉर्डर पर अपने खर्च पर टेंट लगवा कर भारतीय छात्रों के लिए ठहरने की व्यवस्था करवाई | बीती रात रोमानिया बॉर्डर पर छात्रों को बर्फ़बारी से परेशानी हुई, जिसके बाद डॉ. सुनील ने बॉर्डर के दोनों तरफ कैम्प लगवा कर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवायीं।
मूलतः मंडी जिले के सरकाघाट से वास्ता रखने वाले डॉ. सुनील विगत 16 वर्षों से भारतीय छात्रों की भलाई के लिए निरंतर कार्यरत हैं।