भारत सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत छोटे कारीगरों को प्रोत्साहन देने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर लोन, निशुल्क औजार, प्रशिक्षण, डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन, सर्टिफिकेट तथा पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए 13 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। एमएसएमई विभाग की ओर से चलाई जा रही इस योजना में छोटे औजारों का उपयोग करके अपने हाथों से काम करने वाले 18 श्रेणी के दस्तकारों एवं कारीगरों का आर्थिक उत्थान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हमारे समाज के कारीगर जैसे लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मोची, नाई, दर्जी, धोबी, बच्चों के लिए खिलौने बनाने वाले, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, मूर्तिकार, शिल्पकार, राज मिस्त्री आदि को बैंक से रियायती दरों पर लोन व व्यवसाय की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत इन कारीगरों को 3 लाख रूपये तक के सिक्योरिटी रहित लोन दिए जाते हैं, जिसमें पहले 1 लाख रुपये का और उसकी अदायगी के बाद दो लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा।
इसके अलावा उनके उन्नत कौशल के लिए प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये दैनिक भत्ता, रूपये 15 हजार रुपये तक की टूल किट, डिजिटल ट्रांजेक्शन, सर्टिफिकेट तथा पहचान पत्र प्रदान दिए जाते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए प्रार्थी की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। उसने विगत 5 वर्षों में केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी भी स्वरोजगार की योजना में ऋण नही लिया हो।
सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के पात्र नहीं मिलेंगे। सभी पात्र दस्तकार एवं कारीगर अपने आधार नंबर, मोबाइल, बैंक विवरण एवं राशन कार्ड के साथ अपने नजदीकी सीएससी केंद्र, अटल सेवा केंद्र से पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।