महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली।
19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में अब तक 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं। इस साल सितंबर में शुरू हुआ आंदोलन 8 से ज्यादा जिलों में हिंसक हो गया है।
यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गईं आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे ज्यादा है।
30 अक्टूबर को बीड में हुई हिंसक वारदातों के बाद अब विरोध की आग मुंबई तक पहुंच गई है। कोलाबा इलाके में बुधवार सुबह विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रिफ के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की। 3 लोगों को गिरफ्तारी हुई है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस साल आंदोलन शुरु करने वाले मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल का आज 8वां दिन है।
जारांगे ने चेतावनी देते हुए कहा- महाराष्ट्र सरकार स्पेशल सेशन बुलाकर आरक्षण पर फैसला करे। वर्ना ये आंदोलन देशभर में होगा। उन्होंने फैसला न करने पर जल त्यागने तक की चेतावनी दी है।
मंगलवार को ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जस्टिस संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दी गई।
हालांकि, सरकार ने भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल की सभी मराठाओं को आरक्षण देने की मांग खारिज कर दी।
CM आज सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास 16 विधायक और 6 सांसद हैं, लेकिन हमें न बुलाकर ऐसी पार्टियों को बुलाया गया है जिनके पास एक भी विधायक नहीं है। हालांकि उद्धव गुट से विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को बुलाया गया है।
शिंदे की शिवसेना से विधायक रमेश बोरनारे ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार में शामिल तीनों दलों के 10 विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है।