पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश के किसान डीएपी खाद की किल्लत और कालाबाजारी से जूझ रहे हैं।
खाद की आपूर्ति बढ़ाने की मांग उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि आलू की बुआई शुरू हो गई है।
अब सरसों के बाद गेहूं की बिजाई शुरू होगी, लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे खाद की उपलब्धता के सभी दावों की अभी से पोल खुल गई है।
किसानों को खाद के लिए घंटों लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार ना किसानों को वक्त पर खाद दे पा रही हैं, ना एमएसपी और ना ही मुआवजा।
सरकार द्वारा कागजों में खाद के भंडार दिखाए जा रहे हैं, लेकिन वह किसानों तक नहीं पहुंच रहे। इससे स्पष्ट है कि खाद की कालाबाजारी हो रही है।
हुड्डा ने कहा कि बीमा कंपनियों ने क्लस्टर-दो यानी अंबाला, हिसार, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़ और सोनीपत के किसानों को मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है।