November 22, 2024
बहुत से किसान अब फसलों के अवशेष से लाखों रुपए कमा रहे हैं। अब फसल अवशेष परेशानी नहीं है। तकनीक के माध्यम से फसलों के अवशेषों का कई प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। उपायुक्त ने आमजन से अपील की है कि वे खेतों में फसल अवशेष न जलाएं बल्कि इसे पशु चारे के प्रयोग में लाएं।
लगभग सभी किसानों के लिए फसल अवशेष का प्रबंधन काफी बड़ी परेशानी होती थी। कोई फसलों के अवशेष को खेतों में जला देता था। इससे ना केवल उस जमीन को नुकसान होता था बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता था।
सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई योजनाएं चलाई और योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया। सरकार की आईपीसी की धारा 188 के इस कदम से फसल अवशेष प्रबंधन को बल मिला और आज कई लोग केवल फसल के अवशेषों से ही लाखों रुपए कमा रहे हैं। फसल अवशेष का प्रयोग अब बिजली और प्लाई बोर्ड बनाने आदि कामों में भी होने लगा है।
उन्होंने कहा कि जिला के किसानों को भी फसल अवशेष प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाते हुए काम करना होगा। इससे उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी और वातावरण सहित जमीन को नुकसान होने से भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यदि इसी तरह से किसान फानों को जलाते रहे तो भविष्य में धरती से उपजाऊ क्षमता भी कम होती रहेगी।
सरकार की ओर से भी फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कई योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों को अनुदान राशि पर उपलब्ध करवाया जाता है।
साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काम करने वाले लोगों की सरकार की ओर से मदद भी की जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन करने से भूमि की उर्वरा शक्ति, पशु पक्षियों के बचाव एवं मानवीय दुर्घटनाएं होने से बचा सकते हैं।
मानव स्वास्थ्य से जुड़े इस मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी व हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंभीर है और ऐसे मामलों में भारी जुर्माना व सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई किसान या व्यक्ति खेतों अवशेष जलाता है तो आईपीसी की धारा 188 के तहत  जेल व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

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