PGI चंडीगढ़ में लगी आग की जांच के लिए 14 सदस्य कमेटी का गठन कर दिया गया है।
यह कमेटी आगे से इस तरह की कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए उपाय पर भी अपने सुझाव देगी। आग के दौरान कुल 424 मरीजों का रेस्क्यू किया गया है।
इसमें से 351 वयस्क मरीज हैं। ICU से 34 मरीज और फीमेल वार्ड से 80 गर्भवती महिलाओं को निकाला गया है।
इसके अलावा अलग-अलग विभागों से 56 छोटे बच्चे और 17 बच्चे आग के दौरान निकाले गए मरीजों में शामिल हैं।
नेहरू ब्लॉक में सोमवार आधी रात करीब 12 बजे अचानक आग लग गई। आग की शुरुआत ग्राउंड फ्लोर के यूपीएस से हुई।
जिसके बाद पूरे ब्लॉक में धुआं फैल गया। इससे 5 मंजिलों में भर्ती मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इससे वहां अफरातफरी मच गई।
मरीजों और उनके परिजनों ने वार्डों के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए ताकि धुआं बाहर निकल सके। हालत यह थी कि परिजन अपने मरीजों को बचाने के लिए रोते-चिल्लाते ऊपर-नीचे भाग रहे थे।
पीजीआई के डायरेक्टर डॉ विवेक लाल बताया कि नेहरू ब्लॉक के कंप्यूटर के CPU में शॉर्ट सर्किट हो गया था। इसके कारण उसमें आग लग गई।
देखते ही देखते यह आग वहां पर पड़े कागजों ने तेजी से पकड़ ली। इससे यह आग इमरजेंसी के एक वार्ड की तरफ भी बढ़ गई थी।
PGI का अपना फायर यूनिट होने के कारण वह तुरंत मौके पर पहुंच गए। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन की गाड़ियां भी वहां पर पहुंच गई।
आग लगने के बाद पूरे ब्लॉक को सील कर दिया गया है। जिस ब्लॉक में आग लगी थी अब वहां सफाई का काम चल रहा है