मुख्य सचिव आज यहां पराली जलाने पर अंकुश लगाने को लेकर राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
कौशल ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने वाली बेहतर रणनीति बनाने और उसे प्रभावित क्षेत्रों में लागू करने के लिए कृषि और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिये। ये बैठकें रणनीति बनाने व पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति समन्वय सुनिश्चित करने में सहायक होनी चाहिए।
कौशल ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं से निपटने के लिए इन मामलों में शामिल अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वायु प्रदूषण फैलाने में योगदान करने वाले लोगों को रोकना के लिए उन्हें दंण्डित किया जाना जरूरी है।
उन्होंने जमीनी स्तर पर पराली जलाने की स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए सब डिविजन मजिस्ट्रेटों के साथ नियमित रूप से समीक्षा करने पर बल दिया। इस प्रकार नियमित समीक्षा करने से पराली जलाने को लेकर होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।
कौशल ने कहा कि उपायुक्त अपने गांवों के सरपंचों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखें। सरपंच इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रकार का सामूहिक प्रयास वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट में योगदान के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाएगा।
कौशल ने कहा कि पराली जलाने से रोकने और वायु गुणवत्ता तथा स्वास्थ्य पर सार्वजनिक रूप से होने वाले हानिकारक कुप्रभावों का निपटान करने के लिए हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध है। इस महत्वपूर्ण मामले को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए सभी नागरिकों का व्यापक स्तर पर सहयोग अनिवार्य है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण एवं वन विनीत गर्ग एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।