धान की फसल के अवशेष जलाने को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से ढाई ढाई हजार रुपए किसानों से जुर्माना वसूला जा रहा है। इसके विरोध में किसानों ने एसडीएम गोहाना कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया।
किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन एसडीएम आशीष वशिष्ठ को सौप है।वही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लखीमपुर में सड़क हादसे में मृत किसानों को श्रद्धांजलि दी।
एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि किसान ने फसल अवशेष पराली को सरकार से देना चाहते हैं। किसानों के पास साधन न होने चलते प्रणाली को मजबूरन जलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। किसान सरकार को खुद ही पराली देना चाहता है।
किस सरकार को फ्री में पराली देना चाहता है। किसानों के पास कोई ऐसा साधन नहीं है जो फसल अवशेषों को जल नष्ट कर सके उन्हें अगली फसल की बुवाई करने के लिए पराली को मजबूरन जलाना पड़ता है। अगर किसान उसे खुद नष्ट करने का प्रयास करें तो उसमें 8 से ₹10000 का खर्च किस को वहन करना पड़ता है।
अगर सरकार 10000 प्रति एकड़ के हिसाब से उन्हें दे दे तो वह खुद पराली का प्रबंध करेगा। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जिला प्रशासन में पुलिस किसानों के पास खेत में जाएगी।
अगर कोई किसान नहीं आत्महत्या कर लेता है तो उसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। इसकी जिम्मेवारी सरकार की है हमारी नहीं है हम सरकार को फ्री में पराली देना चाहते हैं।