
सिरसा के रामनगरियां में रहने वाली आरती अरोड़ा 100 फीसदी पोलयों ग्रस्त है। लेकिन कुछ कर गुजरने का जज्बा आरती में बखूबी देखा जा सकता है। महिला अपने क्षेत्र मे रहने वाले गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही है। इस वक्त आरती के पास 50 बच्चे पढ़ने के लिए आते है। पूरी तरह दिव्यांग आरती चारपाई से उठ भी नही सकती लेकिन उनका सपना है कि गरीबी के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे ।
आरती बताती है कि जब वह 10वीं कक्षा में थी तो घर की हालत ठीक नही थी । आरती के पिता भी पोलियो से ग्रस्त थे जिसके कारण उनकी माता ही घरों में काम करके उनका पालन पोषण करती थी। 10वीं की परीक्षा बोर्ड की होने के कारण एक दिन उनकी माता उन्हें टयूशन के लिए ले गई। जहां अध्यापक ने उनसे 300 रुपये की मांग की। लेकिन आरती की माता इतने पैसे देने में सक्षम नहीं थी। जिस कारण उन्हें टयूशन कक्षाएं नहीं मिल पाई।