हरियाणा सरकार कैबिनेट मंत्री कंवरपाल ने जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के गांव कुट्टीपुर में जनसम्पर्क करते हुए बताया कि देश वन नेशन,वन इलेक्शन के फॉर्मूले को अपनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ चुका है। अभी तक तो यह बात केवल चर्चा में ही आई थी।
लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी केन्द्रीय सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी का गठन कर इस दिशा में आगे बढऩे का संकेत दे दिया है। पहले भी कई मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर अपनी बात संसद के अंदर और संसद के बाहर भी विभिन्न मंचों पर रखते रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री कंवरपाल ने बताया कि सबसे पहले 26 जून 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण में वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा करते हुए कहा था कि वर्ष 1952 से लेकर आज तक लगातार चुनाव में रिफॉर्म होते रहे और होते रहने चाहिए। मैं मानता हूं कि इसकी खुले मन से चर्चा भी होती रहनी चाहिए।
लेकिन आउटराइट ये कह देना की एक देश एक चुनाव नहीं… अरे भाई चर्चा तो करो। आपके विचार होंगे.. मैंने कई बड़े-बडे नेताओं से मिला हूं वो कहते हैं कि इस बीमारी से मुक्ति मिले। एक बार चुनाव आए.. महीना दो महीने उत्सव चले फिर सबको काम में लग जाना चाहिए। ये बात सबने बताई है।
कैबिनेट मंत्री कंवरपाल ने बताया कि दूसरी बार 15 अगस्त 2019 को लालकिले की प्राचीर से देश संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि सरदार साहब के एक भारत के सपने को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं तब हम ऐसी व्यवस्थाओं को जन्म दें जोडऩे के लिए सिमेंटिंग फोर्स के रूप में उभरकर आए ।
ये प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए। हमने वन नेशन वन टैक्स के सपने को साकार किया। और आज देश में व्यापक रूप से एक देश और एक साथ चुनाव की चर्चा चल रही है .. ये चर्चा होनी चाहिए.. लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए और कभी न कभी एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपनों को साकार करने के लिए और भी ऐसी चीजों को हमें जोडऩा होगा।
कैबिनेट मंत्री कंवरपाल ने बताया कि तीसरी बार 26 नवंबर 2020 को भी अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन को देश की जरूरत बताया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा- सिर्फ चर्चा का विषय नहीं बल्कि भारत की जरूरत है।
हर कुछ महीने में देश में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं.. इससे विकास के कार्यों पर जो असर पड़ता है उसे आप सब भलीभांति जानते हैं। ऐसे में वन नेशन,वन इलेक्शन पर गहन अध्ययन और मंथन आवश्यक है।