राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हथनीकुण्ड बैराज का मुआयना किया। महामहिम राज्यपाल ने डीसी राहुल से पूछा कि दिल्ली को जाने वाले पानी के क्या प्रबंध किए जा रहे है? डीसी ने महामहिम को जानकारी दी कि पहाड़ी क्षेत्र से जब बरसाती पानी आता है तो कुछ पानी हथनीकुण्ड बैराज में रूक जाता है, पानी जब यहां पर 1 लाख क्यूसिक से ज्यादा हो जाता है तो पानी की सप्लाई ईजेसी व डब्ल्यूजेसी से बंद कर दी जाती है और वह सारा पानी यमुना नदी के द्वारा आगे निकाल दिया जाता है जिसके कारण दिल्ली में पानी का भराव अधिक हो जाता है।
दिल्ली व हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में बरसात के कारण पानी के अधिक भराव को रोकने के लिए हथनीकु ण्ड बैराज से करीब 4 किलोमीटर पहले सरकार की एक डैम बनाने की योजना है, जल्दी ही डैम बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसकी प्राथमिक रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी को भेज दी गई है। इस डैम के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सहमति प्रदान भी कर दी है।
उन्होने यह भी बताया कि इस डैम को बनाने के लिए करीब 7 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। उपायुक्त ने बताया कि इस डैम को बनाने के लिए जो सहयोगी राज्य है उनको सहमति के लिए भी पत्र लिखा गया है जल्द ही इस डैम को बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
उपायुक्त की जानकारी के बाद महामहिम राज्यपाल ने अधिकारी को निर्देश दिए कि सरकार का जो डैम बनाने की योजना है इसको जितना जल्दी हो सकें शुरू करवाए ताकि बारिश के अधिक पानी को नियंत्रित किया जा सकें और बरसाती पानी को बचाया जा सकेंगा।
सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता रवि मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा हथनीकुण्ड बैराज से पहले डैम बनाने की योजना है। यह डैम हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, यूपी, दिल्ली व राजस्थान राज्यों के द्वारा संयुक्त रूप से बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जहां पर यह डैम बनाया जाएगा इसमें हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र आता है।