सभी रासायनिक खादो को किसान की जरूरत के अनुसार देने के लिए एवं इसके किसी और उपयोग में प्रयोग होने से रोकने हेतु अब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केन्द्र सरकार डायरेक्ट केस ट्रांसफर (डीसीपी) सिस्टम लागू कर रही है।
हरियाणा में यमुनानगर को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। इसके तहत रबी सीजन से पहले हर किसान से उसकी जमीन एवं उस पर उगाई जाने वाली फसल में यूरिया की खपत की डिमांड ली जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के माध्यम से यह डिमांड एक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इस डिमांड के आधार पर ही पाश (पीओएस) मशीन के माध्यम से किसान को यूरिया खाद मिल सकेगा।
इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने एक पोर्टल लॉन्च किया है जिसका नाम खाद का खाता रखा गया है। कोई भी यमुनानगर जिले का किसान इस पोर्टल पर पूछी गई जानकारी भरकर अपनी यूरिया तथा अन्य रसायनिक खाद की जरूरत भर सकता है। जिन किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा रखा है वह तो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के आई.डी. से अपनी जमीन वार एवं फसल वार अपनी खाद की जरूरत भर सकते हैं।
जो किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत नहीं है, उन्हें अपनी विस्तृत जानकारी इस पोर्टल पर भरनी होगी जैसे किसान का नाम, आधार नंबर, खाद की मात्रा, उत्पाद जिले का नाम, गांव का नाम, तहसील, ब्लॉक, कुल कृषि योग्य जमीन, मोबाईल नंबर और फसल का विवरण अपलोड किया जाएगा। बेफजूली यूरिया की खपत एवं यूरिया का किसी और प्रकार के प्रयोग को रोकने हेतु यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने यमुनानगर जिले के सभी किसानों से निवेदन किया है कि वह जल्द से जल्द आने वाले रबी सीजन के लिए अपनी खाद की जरूरत के अनुसार खाद का खाता पोर्टल पर रजिस्टर करवाए ताकि उन्हें जरूरत के अनुसार खाद मिल सके।
इसके लिए किसानों को विभागीय वेबसाईट www.agriharyana.gov.in पर जाना होगा वहां पर खाद का खाता लिंक को दबा कर अपना पंजीकरण करवाना होगा और अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करें।