November 1, 2024
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसद की सदस्यता बहाल होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले में कांग्रेस पूरे देश को मिस गाइड करने का काम कर रही है। सदस्यता बहाली को कांग्रेस द्वारा जानबूझ कर विषय बनाया जा रहा है जबकि यह कोई विषय नही है।
किसी भी व्यक्ति को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है । अकेले राहुल गांधी ऐसे नही है इससे पहले भी जिस किसी को इस प्रकार से सजा हुई उसकी सदस्यता रद्द की गई।
जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी तो लोकसभा स्पीकर ने एक दिन भी नही लगाया और उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। कांग्रेस इसे एक विषय बना रही है कि सरकार ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की जबकि इसमे सरकार का कोई रोल नही है।
कांग्रेस हाई कमान द्वारा दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक पर स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर विपक्षी दल यह सोच रखता है कि वह प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगा। लेकिन ऐसा कहीं नजर नहीं आता कि कांग्रेस की सरकार बनेगी क्योंकि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जिस प्रकार से रोजगार और विकास में जो भेदभाव किया है जनता उसे भलीभांति जानती है।
जिस प्रकार नियमों की अनदेखी कर रोजगार दिए गए और बाद में उनकी नौकरियां चली गई । इन सब बातों को लेकर जनता में बहुत रोष है। आम जनता भी कांग्रेस के पक्ष में नही है। कांग्रेस राज में नियमों की अनदेखी कर पहले नौकरियां दी गई और बाद में उनकी नौकरी चली गई लेकिन हमारी सरकार ने माननीय मनोहर लाल ने उन सब के बारे में सोचा और एचकेआरएन के जरिये उन्हें रोजगार देने का काम किया ।
शिक्षकों की ऑनलाइन स्थानांतरण नीति में संशोधन किए जाने को लेकर शिक्षक संगठन ने एतराज जताया है जिस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चाहे किसी के लिए कुछ भी कर लो लेकिन फिर भी कोई  एतराज जताए तो क्या कर सकते हैं। ट्रांसफर पॉलिसी में और ज्यादा संशोधन करके यह पुख्ता किया कि शिक्षकों की ट्रांसफर उन्हीं के मुताबिक हो।
हमारी ट्रांसफर पॉलिसी को दूसरे राज्यों ने भी सराहा है और इसको इंप्लीमेंट करने की कोशिश की है। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने की हमारी शिक्षा नीति की सराहना की और समझा। हमारा प्रयास है कि भले ही शिक्षकों को उनके मन मुताबिक जिला ना मिले लेकिन उसके साथ लगता जिला जरूर मिले।
मैं दावा करता हूं कि तमाम जेबीटी टीचर इस ट्रांसफर पॉलिसी को सराहेंगे। लेकिन नेता इस पर एतराज जरूर जताएंगे। हमने इस पॉलिसी में सारे विषयों को ध्यान रखते हुए इसे बनाया और दिव्यांगजनो का भी इसमे मानवता के आधार पर ध्यान रखा गया।

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