बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए चरखी दादरी की रहने वाली अनिता ने ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। बच्चों के लिए खुद चलाने ई-रिक्शा लोन पर खरीदी और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई।
पिता का साया उठ गया था, पति बीमार होने के बाद घर खर्च निकालने के लिए अनिता ने ई-रिक्शा लेकर दादरी जिला की पहली महिला आटो चालक बनी हैं। अपने हौसले के दम पर अनीता देवी का आत्मनिर्भर बनने का सपना है।
दादरी निवासी ई-रिक्शा चालक अनिता ने अपने जज्बे का मिसाल कायम कर दिया है। अपने बीमार पति और बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी अपने कंधे पर रखते हुए एक ई-रिक्शा लोन पर निकलवाया। ई-रिक्शा चलाकर अपने पति का इलाज और अपने बच्चों का पालन पोषण के साथ रिक्शा का लोन भी भरेंगी।
परिवार में आर्थिक तंगी को खत्म करने के लिए उर्मिला को मजबूती में ई-रिक्शा चलाना पड़ रहा है। अनिता ने बताया कि पति के इलाज में डॉक्टरों का खर्च और बच्चों के पालन पोषण के लिए केवल यही एक रास्ता मेरे पास है।
झांसी की रानी संगठन की प्रधान प्रियंका प्रजापति ने बताया कि सामाजिक तानों और पुरुष प्रधान सोच से इतर अनिता ने काफी हिम्मत भरा कदम उठाया है। संगठन की अन्य सदस्यों ने भी अनिता का हौंसला बढ़ाया और अब वह अपने दम पर परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगी।