मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुरूप गठित आठ अंकों का परिवार पहचान पत्र प्रदेश के लोगों के लिए कारगर दस्तावेज सिद्ध हो रहा है। जैसे ही कोई नागरिक 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है तत्काल उसका नाम अपने आप वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के लाभ पात्रों की सूची में शामिल हो जाता है।
अब उसे न तो किसी दफतर के चक्कर काटने पड़ते हैं और न ही किसी के आगे फरियाद करने की जरूरत होती है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हर महीने हजारों नई पेंशन अपने आप आंकड़ों के माध्यम से बन रही है।
मुख्यमंत्री जहां-जहां जाते हैं, वहां पर नये लाभ पात्रों को स्टेज पर बुलाकर स्वयं वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना की सूची में नाम शामिल होने का प्रमाण पत्र देते हैं और लोगों से पूछते हैं कि सरपंच, नंबरदार या किसी और के पास जाने की जरूरत तो नहीं पड़ी, तो उत्तर मिलता है, नहीं जी, 60 वर्ष की आयु होते ही परिवार पहचान पत्र से अपने आप सूची में नाम शामिल हुआ है और आपके हाथों हम आज प्रमाण पत्र ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र को आधार कार्ड से भी कारगर दस्तावेज मान रहे हैं लोग। ये एक ऐसा दस्तावेज सिद्ध हुआ है जिसके माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं/सेवाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को मिलने लगा है। युवाओं की शिक्षा, कौशल व बेरोजगारी का डाटा भी इस पोर्टल पर डाला गया है,