सरकार द्वारा प्रदेश में भू-जल स्तर को बचाने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना खरीफ-2023 को लागू किया गया है। जो किसान धान की फसल की बजाय वैकल्पिक फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, अरंड, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उड़द, सोयाबीन व चारा और फल व सब्जी की कास्त करने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिस किसान ने पिछले वर्ष खरीफ 2022 में धान बोया था, लेकिन इस वर्ष खरीफ में किला खाली छोड़ता है, तो वह भी इस स्कीम के लाभ का हकदार माना जाएगा। यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष फसल विविधीकरण के अंतर्गत खरीफ 2022 में मेरा पानी-मेरी विरासत के तहत प्रोत्साहन राशि ली है और खरीफ 2023 में भी वह फसल विविधिकरण करता है, तो इस स्कीम के अंतर्गत लाभ का पात्र माना जाएगा।
योजना के अंतर्गत किसान हिदायतों के अनुसार वैकल्पिक फसल की बुआई करने पर ही सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्राप्त कर सकता है, जिसके लिए उसे मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 31 जुलाई 2023 तक पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। अधिक जानकारी के लिए डीडीए कार्यालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संपर्क कर सकते हैं।