आम आदमी पार्टी की नेत्री चित्रा सरवारा ने जून माह में लागू होने वाली नई आबकारी पॉलिसी को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्या भाजपा सरकार हरियाणा को शराब और शराबियों का गढ़ बनाना चाहती है? हरियाणा में शराब को ‘ऐब’ नहीं सिर्फ ‘आब’ की नजर से देखती भाजपा सरकार I
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने पहले तो पूरे प्रदेश में 24 घंटे बार और शराब के आहते खोलने का आदेश दिए थे। इससे पूरे प्रदेश का माहौल बिगड़ने लगा है।जहां सुबह सुबह लोग मंदिर, सैर और स्कूल जाने को घर से निकलते है वही,शराबी नशे में धुत सड़कों पर मिलते है I
इस सरकारी आदेश ने प्रदेश का सामाजिक और नैतिक माहौल खराब करने की नींव भाजपा सरकार ने रख दी है। उसके बाद भाजपा सरकार ने अब कॉरपोरेट ऑफिस में शराब परोसने की नीति लागू कर प्रदेश को शराब की ओर धकेलने का एक और नया फरमान जारी कर दिया है।
आज चारों ओर युवा पीढ़ी शराब की लपेट में आ कर तबाह हो रही है, पीछे बिलखते माँ-बाप, युवा उम्र में विधवा, बेटियों और छोटे छोटे अनाथ बच्चे छोड़ कर जा रही है। इस बुराई को मिटाना सरकार का उदेश्य होना चाहिए था, उसमें कमाई बढ़ाना नहीं।
उन्होंने कहा की जहां प्रदेश में दिन-रात शराब बेची जा रही है, वहीं दिन और रात को अवैध शराब का धंधा भी जोरों पर चल रहा है। अनेको सत्ताधारी लोगो ने बिना लाईसेंस के बार भी अम्बाला व आसपास के इलाकों में खोल रखे है।
अनेको बार पुलिस व एक्साइज विभाग द्वारा रेड भी की जा चुकी है परंतु हर बार जांच की जाती है कार्यवाही को कभी अमलीजामा नही पहनाया जाता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार युवा दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। बुजुर्ग और महिलाएं पेंशन न मिलने के कारण सड़कों पर आने को मजबूर हैं।
खट्टर सरकार युवाओं को नशे में झोंकने की तैयारी कर रही है। इससे पूरे प्रदेश का सामाजिक ताना बाना बिगड़ जाएगा। नशे की आड़ में प्रदेश में अपराध बढ़ जायेंगे और महिलाओं का बाहर निकालना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर खट्टर सरकार ऐसे ही फैसले लेती रही तो आने वाले समय में स्कूलों और विश्वविद्यालयों में भी शराब की दुकानें खोलने का काम करेगी? उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार को कार्यालय में शराब परोसने के फैसले को तुरंत वापिस लेना चाहिए।