गेस्ट टीचरों के अनुसार अब तक करीब 184 अतिथि अध्यापकों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद उनके परिवार रास्ते पर आ गए है। अब दिवंगत अतिथि अध्यापकों के आश्रित 58 वर्ष की आयु तक वेतन दिए जाने की मांग कर रहें है। इसी मांग को अपने खून से लिखकर रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अतिथि अध्यापक शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास पर पहुंचे।
पुलिस द्वारा कुछ गेस्ट टीचरों को ही शिक्षा मंत्री के पास जाने की अनुमति दी गई। विभिन्न जिलों से आई दिवंगत अतिथि अध्यापकों की विधवाओं ने अपना दर्द बांटते हुए कहा कि उनके पति राजकीय विद्यालयों में बतौर अतिथि अध्यापक कार्यरत थे। वर्ष 2019 में सरकार ने एक्ट बनाकर उनकी नौकरी को पक्का कर दिया था, लेकिन अभी भी उन्हें भत्ता व अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।
अब उनके पति की मौत हो चुकी है, लेकिन उनके देहांत के बाद भी उन्हें उनका वेतन नहीं मिल रहा है। जिस कारण उनके बच्चों के लालन पालन व परिवार का खर्च चलाने में दिक्कत आ रही है। गेस्ट टीचरों ने मांग करते हुए कहा कि 58 वर्ष की आयु तक मृतक अतिथि अध्यापकों की विधवाओं को वेतन दिया जाए।