November 22, 2024

चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: भारत की आजादी की पहली लड़ाई में हरियाणा के वीरों की कथाओं से रूबरू करवाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार अंबाला कैंट में शहीदों के सम्मान में ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ का निर्माण किया जा रहा है, जो न केवल कई मायनों में खास होगा बल्कि 1857 की लड़ाई में हरियाणावासियों के योगदान को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित करेगा।

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना के लिए सरकार ने 437.90 करोड़ रुपये की राशि को मंजूर प्रदान की है। परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है। पहला सिविल वर्क और दूसरा आर्ट एंड एक्ज़िबिट वर्क। 252 करोड़ रुपए की राशि कर लगभग 86 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। शेष कार्य प्रगति पर है।

आर्ट एंड एक्ज़िबिट वर्क के लिए 15 मई से 5 जून तक बोलीदाता लगाएं बोली

डॉ अग्रवाल ने बताया कि आर्ट एंड एक्ज़िबिट वर्क के लिए बोली दस्तावेज को सरकार से मंजूरी मिल गई है और निविदा को हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स और हरियाणा ईप्रोक्योरमेंट वेबसाइट पर जारी किया गया है। वेबसाइट पर प्रदर्शित कार्य की लागत 148.98 करोड़ रुपये है, जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है। बोलीदाताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे जीएसटी को छोड़कर अपनी दरें भरें। बोली के लिए समय सीमा 15 मई, 2023 प्रात: 9 बजे से लेकर 5 जून, 2023 तक है। जुलाई माह में काम शुरू होने की संभावना है और फरवरी 2024 में काम पूरा होने की उम्मीद है।

इतिहास और तकनीक का होगा अनूठा संगम

डॉ अमित अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस स्मारक में सिविल कार्यों में व्याख्या केंद्र भवन, संग्रहालय, ओपन एयर थियेटर, सभागार, जल निकाय, मेमोरियल टॉवर, डबल बेसमेंट कार पार्किंग, स्टाफ क्वार्टर, सूचना केंद्र, हेलीपैड इत्यादि कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, कला और प्रदर्शनी कार्य में 3 वर्षों के लिए विकास, आपूर्ति, खरीद, एकीकरण, निष्पादन, सॉफ्ट सामग्री, संचालन और रखरखाव सहित आंतरिक कार्य जैसे प्रदर्शन, स्थापना, प्रकाश व्यवस्था और डिजिटल उपकरण शामिल हैं।

इस स्मारक में तकनीक और इतिहास का अनूठा संगम होगा। स्मारक में फोटोयुक्त पैनल लगाने के अलावा, लाईट एण्ड सांऊड की मदद से इतिहास पूर्व समय से आज के आधुनिक हरियाणा की गौरव यात्रा को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि शहीदों के जीवन और उनकी वीरता से युवा प्रेरणा ले सकें। इसमें 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर हरियाणा वासियों ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार द्वारा यातनाएं सहने की कहानियों का संक्षिप्त वर्णन होगा। स्मारक में आने वाले दर्शकों को हरियाणा के समृद्ध इतिहास का पता चलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *