गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है।
लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग हरियाणा द्वारा जनहित में लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है जिसकी सभी को पालना करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा बनाए रखनी है।
सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें और लू से बचे रहें। उन्होंने बताया कि लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढक्कर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें।
बच्चों को वाहनों में छोडक़र न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है, नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलीहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं।
खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाए। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।