कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिल गया है. वहीं, बीजेपी काफी पीछे चल रही है. 10 मई को राज्य की 224 सीटों पर 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था.
पिछले 38 साल के दौरान राज्य में सत्ता बदलने का इतिहास रहा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटों पर जीत मिली थी.
जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनाव अभियान को प्रधानमंत्री मोदी पर जनमत संग्रह के रूप में तब्दील कर दिया था, लेकिन उसके इस प्रयास को जनता ने ठुकरा दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक में यह तय हो गया है कि कांग्रेस की जीत और प्रधानमंत्री की हार हुई है। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार को प्रधानमंत्री पर जनमत संग्रह का रूप दे दिया था और राज्य को उनका ‘आशीर्वाद’ मिलने पर केंद्रित कर दिया था। इसे जनता ने खारिज कर दिया है।’’
उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस पार्टी यह चुनाव लोगों की जीविका, खाद्य सुरक्षा, महंगाई, किसानों की समस्या, बिजली आपूर्ति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर लड़ी थी।’’ रमेश ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने विभाजन पैदा करने और ध्रुवीकरण का प्रयास किया। कर्नाटक में वोट बेंगलुरु में एक ऐसे ‘इंजन’ के लिए दिया गया है, जो सामाजिक सद्भाव के साथ आर्थिक विकास कर सके।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस शनिवार को जारी मतगणना के रुझानों के अनुसार 113 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए राज्य में अपने दम पर सरकार बनाती और दक्षिण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एकमात्र गढ़ कर्नाटक में सेंध लगाने की राह पर दिख रही है।