बागवानी फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में अब 21 फसलों को शामिल कर लिया गया है। बागवानी फसलों को मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने इन फसलों को योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है।
बागवानी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार सार्थक कदम बढ़ा रही है। पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। सरकार द्वारा किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा’ योजना के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरूआत की गई है।
प्रतिकूल मौसम तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव) आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, को योजना में शामिल किया जा रहा है। इस योजना के तहत 21 फसलें शामिल है। जैसे 14 सब्जियां (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली), 2 मसाले (हल्दी, लहसुन) और 5 फल(आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योर्ड) सब्जियों व मसालों के लिए 30 हजार रूपए प्रति एकड़ व फलों के लिए 40 हजार रूपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जोकि सब्जियों में राशि 750 रूपए व फलों में राशि एक हजार रूपए प्रति एकड़ होगी।