आज के इस तकनीकी दौर में मनुष्य ज्यादातर मोबाइल फोन, लैपटॉप व कम्प्यूटर आदि पर निर्भर है और यह डिवाइस इंटरनेट से जुड़ी हुई हैं। इनके माध्यम से मनुष्य का जीवन काफी आसान हो गया है। इनके माध्यम से मनुष्य अपने रोजमर्रा के कार्य जैसे- बैंक से संबंधित कार्य, ऑनलाइन ऑफिस कार्य, नेट बैंकिंग, सोशल मीडिया आदि पर अपना कारोबार आदि कार्य घर बैठे ही बड़ी आसानी से कर लेता है।
जिसके कारण व्यक्ति कई बार इंटरनेट पर गलती कर बैठता हैं। साइबर अपराधी लोगों की इसी गलती के इंतजार में बैठे रहते हैं । मौका मिलते ही साइबर अपराधी बड़े ही शातिर तरीके से लोगों को मानसिक व आर्थिक तौर पर भारी क्षति पहुंचा देते हैं। .
हमें इंटरनेट पर अपने कार्य करने के दौरान या इंटरनेट का उपयोग करते समय बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। हमें अपने सोशल मीडिया खातों पर एक मजबूत पासवर्ड लगाकर खातों सुरक्षित को रखना चाहिए। सोशल मीडिया पर किसी अंजान व्यक्ति से सम्पर्क नही करना चाहिए। किसी अंजान लिंक पर क्लिक करके उसे ओपन नही करना चाहिए।
किसी अंजान नम्बर से आने वाली फोन कॉल, वीडियो कॉल का उत्तर नही देना चाहिए और ना ही किसी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट मंजूर नहीं करनी चाहिए। जब कोई व्यक्ति अपने आप को बैंक का अधिकारी या प्रतिनिधि बताकर आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकरी जैसे बैंक खाता नम्बर, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नम्बर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी नम्बर, ओटीपी, आधार कार्ड नंबर व पैन कार्ड नंबर आदि मांगता है, तो उस व्यक्ति के साथ उक्त जानकारी सांझा नही करनी चाहिए।
इस प्रकार हम छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर अपने आप को साइबर अपराधियों से बचाकर रख सकते हैं और अपने आप को होने वाली मानसिक व आर्थिक हानि से बचा सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है तो तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और www.cybercrime.gov.in पर आनलाईन शिकायत दर्ज करवाये जितनी जल्दी हो सके शिकायत दर्ज करवाये। इसके अलावा साईबर अपराध थाना या नजदीक पुलिस स्टेशन में साइबर हेल्प डेस्क पर भी अपनी शिकायत दर्ज की जा सकती है तथा साईबर अपराध के बारे में सहायता ली जा सकती है।