चंडीगढ़/समृद्धि पाराशर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के ग्राम सचिव एवं सरपंचों से मिलकर उनके गांव का ‘ग्राम पंचायत डिवलेपमैंट प्लान’ (जीपीडीपी) तैयार करवाएं और जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड करवाएं। उन्होंने घोषणा की कि आवश्यतानुसार राज्य में खंड स्तर पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के सरकारी आवास बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा निवास में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों के नए बैच में चयनित एवं नियुक्त अधिकारियों के साथ परिचय कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से एक-एक करके परिचय किया और उनको ईमानदारी एवं पारदर्शी तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। खंड विकास पंचायत अधिकारियों के वर्ष 2023 के बैच में कुल 46 खंड विकास एवं ंचायत अधिकारियों का चयन हुआ है। इनमें एमबीबीएस डॉक्टर से लेकर एमटेक, एमएससी, लॉ डिग्री धारकों के अलावा केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नवनियुक्त खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को राज्य सरकार की विकासात्मक योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि इन्हें पारदर्शी एवं ईमानदारी तरीके से लागू करके अपनी प्रतिभा का परिचय देने की आपकी बारी है। उन्होंने पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत से तालमेल करके तटस्थ होकर काम करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अगर किसी अधिकारी को इनोवेटिव आइडिया सूझता है तो वह अपने वरिष्ठï अधिकारियों से अवश्य शेयर करे ताकि विश्वसनीयता पाए जाने पर पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ग्राम स्तर पर प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि गांवों में तालाबों की सफाई, शिवधाम का रखरखाव, पार्क-व्यायामशाला व वेलेनेस सैंटर का निर्माण आदि कार्य करवाए जा रहे हैं, ऐसे में सभी नए नियुक्त खंड विकास पंचायत अधिकारी इन कार्यों में रूचि लेकर काम करें।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर ने नए खंड विकास पंचायत अधिकारियों को ग्रामीण स्तर के परिवार पहचान पत्र के बकाया रजिस्ट्रेशन कार्य को जल्द से जल्द पूरा करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सरपंचों व ग्राम सचिव से मिलकर स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी आईडी के रजिस्ट्रेशन को भी स्पीड अप करने के निर्देश दिए।
इस अवसर विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक,निदेशक राजनारायण कौशिक,ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक जय कृष्ण अभिर के अलावा अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।