गांवों के गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए देश की केन्द्र व राज्य सरकारों ने अनेक योजनाए चलाई जिससे ग्रामीणों का विकास हो सकें। हरियाणा में भेड़ पालन योजना एक अहम योजना है इस योजना के तहत राज्य सरकार अपने स्तर पर भेड़ पालक व बकरी पालक को सब्सीडी का लाभ देती है। सरकार द्वारा 50 हजार रुपये की राशि बिना ब्याज के उपलब्ध करवाई जाती है। इस राशि से गांव का गरीब व्यक्ति अपनी आय को बढ़ा सकता है।
भेड़ पालने के फायदे
भेड़ पालन ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोगों की आय का प्रमुख साधन है। वह भेड़ का पालन करके तथा इनकी अच्छी तरह पालन-पोषण करके इनसे ऊन, मांस तथा दुध प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भेड़ का गोबर अच्छी प्रकार की खाद में प्रयोग किया जाता है। जिससे खेतों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। भेड़ के दुध में प्रोटिन तथा वसा की अधिक मात्रा पाई जाती है। भेड़ का दुध बहुत ही पौषटिक तथा लाभदायक होता है। इसलिए भेड़ पालन मुख्य रूप से ऊन, दुध व मांस के लिए किया जाता है।
क्या है भेड़ पालन को लेकर सरकार की योजना
सरकार द्वारा बकरी व भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए नैशनल लाईव स्काट मिशन शुरू किया है जिसके तहत देश में पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए भेड़ पालन के लिए सब्सीडी दी जाती है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार नैशनल लाईव स्काट मिशन के अनुसार बहुत से घटक आते है जिसमें अलग-अलग घटक के तहत अलग-अलग सब्सीडी का प्रावधान किया गया है।
भेड़ पालन पर खर्चा और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी
केन्द्र सरकार की नैशनल लाईव स्काट मिशन योजना के तहत 40+2 के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है यानि 40 भेड़ों पर दो भेड़ा पर सब्सिडी एक लाख रुपये दी जाती है। इनमें से पशु पालक को 50 हजार का लोन बिना ब्याज के मिलता है तथा बाकि 40 प्रतिशत पर पशु पालक को ब्याज देना होता है और 10 प्रतिशत राशि पशु पालक को स्वयं लगानी होती है।
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