पुलिस अधीक्षक अम्बाला जशनदीप सिहँ रंधावा के कुशल मार्गदर्शन में अम्बाला पुलिस द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिए गुमशुदा/बन्धक/शोषित व्यक्तियों/महिलाओं/बच्चों को ढूँढकर परिजनों तक पहुँचाकर उनकी मुस्कान लौटाने के लिए 01 अप्रैल 2023 से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के दौरान महिला पुलिस थाना अम्बाला के प्रबन्धक महिला उप-निरीक्षक सुरेन्द्र कौर ने सराहनीय कार्य करते हुए देहरादून यू0पी0 की रहने वाली 25 वर्षीय मन्दबुद्धि लापता लड़की जोकि उसके फौजी भाई के पास फाजिल्का में रहती थी और वहां से लापता होने उपरान्त 11 अप्रैल 2023 को देर रात्रि डायल-112 गाड़ी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को घूमती हुई मिली जिन्होेंनेे इस लड़की को महिला पुलिस थाना अम्बाला में पहुँचाया। लड़की मन्दबुद्धि होने के कारण उचित जानकारी देने में असमर्थ थी।
महिला पुलिस थाना अम्बाला ने देहरादून पुलिस से सम्पर्क कर उसके गाँव में परिवार वालों तक संदेश पहुँचाया और 13 अप्रैल 2023 को उनके परिजनों को उनकी मुस्कान लौटाने का सराहनीय कार्य किया। उसके परिजनों ने बतलाया कि 14 वर्ष पहले सड़क दुर्घटना के कारण इसके दिमाग में चोट आई थी तब से मंदबुद्धि हो गई और अपने फौजी भाई के साथ फाजिल्का में रहती है जहां से लापता हुई।
इस अभियान के दौरान अम्बाला पुलिस ने 01 अप्रैल 2023 से अब तक 08 नाबालिग बच्चों, 05 महिलाओ व पुरूष को तलाश उनके परिजनों के सुपुर्द कर उनकी मुस्कान लौटाने का सराहनीय कार्य किया है।
पुलिस अधीक्षक अम्बाला ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि उन्हें सम्बन्धित बारे कोई जानकारी मिलती है तो उसकी सूचना तुरन्त पुलिस को डायल 112 नम्बर पर देकर उनके परिजनों की मुस्कान लौटाने में पुलिस को पूर्ण सहयोग करें।
पुलिस अधीक्षक अम्बाला ने सभी पर्यवेक्षण अधिकारियों, प्रबन्धक थाना, पुलिस चैकी इन्चार्ज को निर्देश दिए है कि वह थानाधिकार क्षेत्रों में आमजन से बेहतर तालमेल बनाते हुए मानव तस्करी करने वालों, बाल गृहों, बाल मजदूरी करवाने वालों, महिलाओं से अनैतिक कार्य करवाने वालों व अन्य किसी भी प्रकार का शोषण करने वालों का पता लगाकर गुमशुदा/बन्धक/शोषित व्यक्तियों/महिलाओं/बच्चों का पता लगाएँ और सम्बन्धित परिजनों को लौटाने और सूचित करने हेतू गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बाल भवन, शैल्टर होम से सम्पर्क कर सम्बन्धित माता-पिता (परिजनों) को उनकी मुस्कान लौटाने का हर सम्भव प्रयास करें जिससे पीड़ितों को पुर्नवास प्रदान कर उनकी मुस्कान लौटाई जा सके।