हरियाणा में 2014 के बाद फिर से DLF विवाद की एंट्री हो गई है। सरकार ने वित्तीय लेन देन की जांच के लिए नई विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है।
इससे पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि अभी तक की हुई जांच में इस मामले में लिप्त राजस्व अफसरों को क्लीन चिट मिल चुकी है।
22 मार्च 2023 को हरियाणा पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। इसमें एक DCP, दो ACP, एक इंस्पेक्टर और एएसआई को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका ने DLF जमीन घोटाले को उजागर किया था। इस दौरान उन्होंने 2012 में रॉबर्ट वाड्रा और DLF जमीन डील को रद्द करने का आदेश दिया था। हालांकि उस समय की हुड्डा सरकार ने इस पूरे मामले की जांच टीम बनाकर शुरू कराई थी।
जांच के लिए कृष्ण मोहन, केके जालान और राजन गुप्ता सहित तीन आईएएस को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस जांच के दौरान कोई भी अनियमितता नहीं मिली है।