November 22, 2024

हिंगोली, महाराष्ट्र: भारतीय योग की शक्ति को दिखा रहे महाराष्ट्र के हिंगोली के साधु हरिभाऊ राठोड़, जिन्हें ‘फ्लोटिंग बाबा’ के नाम से जाना जाता है, का दावा है कि वे 24 घंटे तक पानी के ऊपर योगमुद्रा में तैर सकते हैं। इस दावे के बाद से उनके सामर्थ्य की जांच करने के लिए अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों ने उनसे चुनौती ली।

बाबा की योग की शक्ति के दावे को चैलेंज करते हुए, समिति के सदस्यों ने उनके साथ पानी में लेटने की कोशिश की। समिति के जिला अध्यक्ष प्रकाश मगरे ने यह काम डेढ़ मिनट तक कर पाए, लेकिन फ्लोटिंग बाबा हरिभाऊ राठोड़ ने बेहतरीन ढंग से यह कार्य किया।

इस घटना के बाद, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने बाबा की क्षमता को माना, लेकिन चमत्कार के रूप में नहीं। वे बाबा को सलाह देते

हैं कि यह कार्य उनके अभ्यास के बल पर हुआ है, इसे चमत्कार का नाम ना दें। वरना जादू-टोने के खिलाफ बने कानून के तहत उन पर केस दर्ज हो सकता है।

फ्लोटिंग बाबा हरिभाऊ राठोड़ ने बताया कि उन्होंने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया, बल्कि भगवत कृपा और उसके नाम स्मरण की शक्ति की बात की है। उन्होंने कहा कि भगवान के आशीर्वाद से ऐसा संभव हो पाने की बात कही है।

इसके बाद, पुलिस ने भी बाबा के खिलाफ लगे आरोप को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि हरिभाऊ राठोड़ ने किसी भी तरह के चमत्कार का दावा नहीं किया है।

https://twitter.com/HinduPolitics/status/1643877750099558406



फ्लोटिंग बाबा की इस कामयाबी से लोगों को योग के प्रति आकर्षित करने और उसके महत्व को समझाने का उद्देश्य है। उनका मानना है कि योग की शक्ति से आत्मिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं और इसके द्वारा व्यक्ति अपनी जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

इस घटना के बाद, फ्लोटिंग बाबा हरिभाऊ राठोड़ की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है और लोगों के बीच में उनके प्रति सम्मान बढ़ा है। लोग उनके योग और आत्मीय शिक्षा के प्रति अधिक रुचि दिखा रहे हैं। बाबा ने समाज में योग और ध्यान के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी विशेष प्रतिभा का उपयोग किया है।

इस प्रकरण से एक बात स्पष्ट होती है कि योग और आत्मीयता की शक्ति के सामने संशय और अंधश्रद्धा को दूर करने की क्षमता होती है। फ्लोटिंग बाबा की कहानी ने योग के महत्व को और भी ज्यादा स्पष्ट कर दिया है और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाने में सहायता की है।

आशा है कि फ्लोटिंग बाबा हरिभाऊ राठोड़ की इस प्रेरणादायक कहानी से लोगों को योग की ओर बढ़ने का प्रोत्साहन मिलेगा, और वे अपनी आत्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए इसके प्रयोग में लगेंगे। बाबा की इस अद्भुत कृत्य से सच में योग के महत्व को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का संदेश मिलता है।

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