हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में लोगों को कोविड संक्रमण से बचाव हेतू वैक्सीनेशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रीकाॅशन डोज लगवाने वाले व्यक्तियों को निःशुल्क सप्लीमेंट दिया जाएगा ताकि प्रदेश के नागरिकों को कोविड संक्रमण से बचाने के साथ-साथ संक्रमण को रोका जा सकें। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियांे को निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य कर्मियांे को जल्द से जल्द प्रीकाॅशन डोज लगाई जाए।
विज ने यह बात आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ आयोजित बैठक में कहीं।
उन्होंने कहा कि राज्य में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी और वैक्सीन आने के बाद इन सभी कर्मियों को 7 दिन के भीतर यह डोज लगवानी अनिवार्य की गई है। उन्होंने कहा कि गंभीर रोगों वाले लोगों व बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि इन लोगों को कोविड संक्रमण से बचाया जा सके।
कोविड संक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त मशीन, प्रयोगशालाएं तथा अन्य साधन उपलब्ध- विज
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि हरियाणा में वर्तमान में कोविड के 1109 सक्रिय मामले हैं, जिसमें 25 अस्पताल में हैं जबकि 2 ऑक्सीजन पर है जोकि को-मोरविड हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड संक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में मशीन, प्रयोगशालाएं तथा अन्य साधन उपलब्ध हैं।
केन्द्रीय मंत्री को सुझाव, वैक्सीन की दरें फिक्स हों
इसके अलावा, राज्य में कोविड वैक्सीनेशन की 103 प्रतिशत पहली डोज, 86 प्रतिशत दूसरी डोज लगाई जा चुकी है परंतु तीसरी डोज अर्थात प्रीकॉशन डोज को शत-प्रतिशत लगाने के लिए हमने लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें सप्लीमेंट दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप लगाने के अतिरिक्त व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि वैक्सीन की दरें यदि फिक्स कर दी जाएं तो राज्य सरकार अपने कोष से वैक्सीन को खरीद कर लोगों लगा पाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विज के सुझाव की प्रशंसा की, सुझाव के उपरांत सभी राज्यों के मंत्रियों को व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश
विज के सुझाव की प्रशंसा करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देशभर के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों व स्वास्थ्य विभागों के सचिवों को कहा कि कोविड वैक्सीनेशन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि जब कोविड संक्रमण की स्थिति नीचे जाती है तो लोग वैक्सीनेशन के प्रति लापरवाह हो जाते हैं परंतु वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेें और निजी अस्पतालों में भी जाकर कोविड वैक्सीन लगवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी भारत में एक्सबीबी1.16 सब-वेरिएंट एक्टिव हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में समीक्षा बैठक करने, स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करने, अस्पतालों का दौरा करने, नकली दवाईयों की बिक्री को रोकने संबंधी निरीक्षण करने हेतु अधिकारियों को निर्देश देने तथा टेस्टिंग व जीनोम सिक्वेंसिंग पर बल देने के लिए कहा है।
अधिकारियों को निर्देश, राज्य में टेस्टिंग और जीनोम सिक्वेंसिंग पर दें बल- विज
स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में लगातार टेस्टिंग बढाई जाए और जीनोम सिक्वेंसिंग पर बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार जिला स्तर पर 140 प्रति मिलियन टेस्टिंग की जानी चाहिए।
कोविड बचाव के लिए उठाए गए विभिन्न कदम
कोविड से बचाव के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संपूर्ण जीनोम सिक्वेसिंग के लिए सभी कोविड-19 सकारात्मक नमूने भेजेे जा रहे हैं। अस्पताल परिसर में मरीजों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों द्वारा मास्क पहनने सहित कोविड के अनुकूल व्यवहार के बारे में निर्देश भी दिए गए हैं। भीड़भाड़ वाली व उच्च जोखिम वाली जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। कोविड मामलों की प्रभावी निगरानी और इन्फ्लूएंजा के परीक्षण के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में फ्लू कॉर्नर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में आवश्यकता के अनुसार सभी स्तरों पर कोविड-19 संबंधित दवाओं की उपलब्धता की निगरानी भी की जा रही है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. जी. अनुपमा, नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा के प्रबंध निदेशक डाॅ प्रभजोत सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की संयुक्त निदेशक मीनाक्षी राज, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के निदेशक डाॅ. वी. के. बंसल सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।