बहादुरगढ़ में 82 दिन से धरने पर बैठे किसानों की बड़ी जीत हुई है। केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा करीब 2 गुना करने पर सरकार और किसानों की सहमति बन गई है।
रविवार को झज्जर जिला उपायुक्त शक्ति सिंह केएमपी एक्सप्रेस वे पर स्थित मांडौठी टोल के पास चल रहे धरने पर पहुंचे और किसानों को उनका मुआवजा बढ़ने की जानकारी दी। दरअसल किसान शुरुआत से ही कह रहे थे कि उनकी जमीनों का मुआवजा गलत ढंग से आंका गया है इसलिए उन्होंने धरना प्रदर्शन शुरू किया था।
किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में किसानों की बड़ी जीत हुई है। किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ गया है। सरकार ने मुआवजा बढ़ाने को लेकर अपनी सहमति जाहिर कर दी है। किसान नेता रमेश दलाल ने किसानों का मुआवजा बढ़ने पर खुशी जाहिर की है। रमेश दलाल का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों की तरफ ध्यान दिया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया है।
साथ ही किसानों की अन्य मांगों पर भी ध्यान देने की मांग की है। किसान मुआवजा बढ़ाने के साथ-साथ एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिलवाने और पंजाब के 108 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
इतना ही नहीं हरियाणा का अलग हाईकर्ट बनवाने समेत 17 मांगे किसानों ने सरकार के सामने रखी है जिनमें से कुछ मांगों पर सरकार की सहमति बन चुकी है। लेकिन किसान सभी मांगे पूरी होने पर ही धरना खत्म करने की बात कह रहे हैं।