अंबाला: उत्तर भारत मे तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात का असर अब हरियाणा के किसानों पर भी पड़ा है. यहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है. रुक-रुक कर हो रही बरसात ने खेतों में खड़ी गेहूं कि फसल को पूरी तरह से बिछा दिया है. ये फसल पकने ही वाली थी और कटाई के बाद किसान इसे लेकर मंडी जाते. लेकिन बारिश ने किसानों के सभी अरमानों पर पानी फेर दिया.
किसानों का कहना है कि वे पिछले दो सालों से फसल का नुकसान झेल रहे हैं. सरकार की ओर से भी किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिल रहा है. खेतों में खड़ी फसल को बस काटने की तैयारी में ही थे. इसके लिए किसानों ने पूरी तैयारी भी कर ली थी. मशीन भी कटाई के लिए खेतों मे तैयारी खड़ी है, लेकिन अचानक आसमान से आई आफत ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. बरसात और तेज हवा ने किसानों की गेहूं की फसल को खेतों में बिछा दिया.
कैसे चुकाएंगे कर्ज?
किसानों का कहना है कि आजकल मंडी में सरसों की फसल आई है. उसका भी नुकसान हो रहा है. इस बार 99 प्रतिशत गेहूं की फसल खराब हो गई है. ऐसे में आढ़तियों से कर्ज लेकर की गई खेती खराब हो गई, अब कर्ज कैसे चुकाएंगे. किसानों का कहना है जो भी फसल खेतों मे बिछी है, इसे कंबाइन मशीन नहीं उठाएगी, क्योंकि मशीन में मिट्टी में जा सकती है.
सरकार से मांगा मुआवजा
बेमौसम बरसात की मार झेलने वाले किसानों का कहना है कि वे सरकार से मुआवजे की मांग करते हैं. किसान पिछले दो सालों से भी ज्यादा हो गए नुकसान झेलते आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. उनका कहना है कि उन्हें अभी तक पहले हुए नुक्सान का भी मुआवजा नहीं मिला.