फरीदाबाद सीएम फ्लाइंग के डीएसपी राजेश चेची ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी टीम को पिछले काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि होड़ल में बस स्टैंड के पास राहुल क्लीनिक के नाम से एक क्लीनिक चल रहा है। जिसमें बतौर डॉक्टर इलाज करने वाले व्यक्ति के पास लोगों का इलाज करने व अस्पताल चलाने की कोई वैध डिग्री नहीं है।
डॉक्टर द्वारा छोटे बच्चों को स्टेरॉयड जैसी घातक दवाई दी जाती है। जो एक बार तो मरीज को ठीक कर देती है। लेकिन बाद में भारी नुकसान करती है। सूचना के आधार पर उनकी टीम ने उक्त क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान राहुल क्लीनिक में एक व्यक्ति लोगों का इलाज करता हुआ मिला। जिसकी पहचान अमर सिंह निवासी गांव भीड़ूकी हाल तुलाराम कॉलोनी होडल के रूप में हुई।
इस दौरान मौके पर क्लीनिक में करीब 10 से 15 मरीज इलाज कराने के लिए बैठे हुए थे। यह क्लीनिक आठ बेड़ो का था। जिन पर मरीजों का इलाज हो रहा था। बतौर डॉक्टर कार्य कर रहे अमर सिंह से जब टीम ने इलाज करने के लिए वैध डिग्री व अस्पताल चलाने से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। तो वह किसी तरह के वैध दस्तावेज व डिग्री पेश नहीं कर पाया। इतना ही नहीं अमर सिंह ने टीम को बताया कि वह बारहवीं कक्षा तक पढ़ा लिखा है। उसने पलवल स्थित बच्चों के दो निजी अस्पतालो में काफी दिनों तक काम किया।
जिसके आधार पर वह बच्चों और बड़ों का इलाज करता है। लेकिन उसने ना तो डॉक्टरी की पढ़ाई की है और ना ही उसके पास कोई वैध डिग्री है। छापेमारी के दौरान टीम को मौके से काफी मात्रा में अंग्रेजी दवाइयां, इलाज करने के उपकरण व अन्य स्टेरॉयड दवाइयां मिली। जिनका प्रयोग बच्चों के इलाज में किया जा रहा था। जो कि बच्चों के लिए बेहद ही घातक है।
छापेमारी के दौरान टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व पुलिस टीम भी मौजूद थी। स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल अधिकारी डॉक्टर अक्षत जैन की शिकायत पर होडल थाना पुलिस ने उक्त व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर उसे मौके पर काबू कर लिया।