October 24, 2024

प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार लाठी के बल पर पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज़ को दबाने का जो भरसक प्रयास कर रही है वो आने वाले समय मे भाजपा को महंगा पड़ेगा। आम आदमी पार्टी सरपंचों के अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़ी है। ये बात पंचकूला के सिविल अस्पताल में घायलों का हाल चाल जानने के बाद वीरवार को धरना स्थल पर पहुँची वरिष्ठ नेता चित्रा सरवारा ने कही।

उन्होंने कहा की पंचायत प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर पंचकूला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए उन पर पानी की बौछारों के साथ बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया। इससे बड़ी संख्या में गांव प्रतिनिधियों व महिला सरपंचों को गंभीर चोटें आईं हैं। हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रधान समेत 4000 सरपंचों पर 10 संगीन धाराओं में केस भी दर्ज कर दिया है। जो सरकार का निंदनीय व कायराना कदम है।

चित्रा सरवारा ने कहा कि इस सरकार ने पहले सरपंच व पंच पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों पर शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर बिजली, बैंकों, चूल्हा टैक्स,पानी के बिल इत्यादि विभागों से एनओसी प्रमाण पत्र की शर्त लागू की थी। उसके बाद सरपंचो के खिलाफ राइट टू रिकॉल का कानून बनाया और अब ई-टेंडरिंग का नियम सरपंचो पर जबरदस्ती थोपने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने ये फैसला लिया है कि 3 मार्च को पूरे हरियाणा में आम आदमी पार्टी विधानसभा स्तर पर भाजपा-जजपा सरकार का पुतला फूकेंगी।

उन्होंने जब विधायक या सांसद पद पर चुनाव लड़ने के लिए कोई शेक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं की।न ही विधायक व सांसद पर राइट टू रिकॉल का नियम लागू है तो सरपंचों पर इन नियमों को जबर्दस्ती इस सरकार द्वारा क्यों थोपा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रजातंत्र में नहीं, लठतंत्र में विश्वास रखती है।
इस सरकार ने पहले किसान,फिर जवान,उसके बाद कर्मचारी और अब पंच-सरपंच पर लाठियां बरसाईं हैं।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का हर वर्ग बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ आंदोलनरत है। इस सरकार से जनता का मोहभंग हो चुका है। ये सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह नाकाम है। उन्होंने खट्टर सरकार से पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों को जल्द पूरा करने के साथ उनपर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग की।

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