फसल खराबे का पारदर्शिता से आंकलन करने और उसी अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए हरियाणा सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब सीधे ही उनकी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेंगे।
जिला में पाला पडऩे से जिन किसानों की फसल खऱाब हुई है, वे किसान ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ farmer/khrabalogin पर फसल खराबे की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसान अपनी परिवार पहचान पत्र आईडी, मोबाइल नंबर या किसान आईडी भरकर लॉग इन कर सकता है। इस ‘ई-फसल क्षति पूर्ति पोर्टल’ को मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल के साथ लिंक किया हुआ है, इसलिए जिस खसरा नंबर में जिस फसल को पाले से नुकसान हुआ है, उस खसरा नंबर के सामने खराबा भरें।
इसमें फसल खराबे का कारण, तारीख, फसल में कितनी प्रतिशत नुकसान हुआ है और उस खसरा नंबर का बीमा करवाया है कि नहीं, यह समस्त जानकारी भरना जरूरी है। उन्होने कहा कि फसलों में हुए खराबे के आंकलन, सत्यापन और मुआवजा देने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व बीज विकास कार्यक्रम के तहत कवर हैं, उन किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
डीसी ने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं। पटवारी और कानूनगो इस पोर्टल पर प्राप्त होने वाले फसल खराबे के सभी आवेदनों को चेक करेंगे और खराबे की प्रतिशत तथा खेत की फोटो अपलोड करते हुए हर एंट्री की वेरिफिक़ेशन अथवा पुष्टि करेंगे।किसान के फसल खराबा रिपोर्ट करने के 7 दिनों के अंदर अंदर पटवारी और कानूनगो को वेरिफिकेशन पूरी करनी है।