81 साल के आसाराम को गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने एक और महिला से रेप के आरोप में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
4 साल पहले भी जोधपुर कोर्ट ने UP की एक नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
तब से वह जोधपुर की जेल में बंद है। आसाराम को गिरफ्तार करना बेहद मुश्किल टास्क था। गिरफ्तारी के बाद ही आसाराम के तमाम कारनामों से पर्दा उठना शुरु हुआ।
गिरफ्तार होने के बाद भी आसाराम पुलिस के साथ चलने को तैयार नहीं था। वह हमें अपनी ताकत बताकर डराने की कोशिश करने लगा। बाहर उग्र भीड़ पुलिस की गाड़ी को घेर लेती है।
वहां मौजूद पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करती है। सभी गेटों के सामने हजारों भक्त जमीन पर लेटे होते हैं।
फाइनली हम लोग एक दीवार तोड़कर बाहर निकले। इसके बाद किसी तरह हम लोग आसाराम को लेकर इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से उसे जोधपुर लेकर गए।
बिना हिंसा के शांति से आसाराम की गिरफ्तारी हमारी टीम के लिए एक बड़ी सफलता की बात थी। संत रामपाल हो या राम रहीम इन सभी की गिरफ्तारी के दौरान भारी हिंसा हुई थी।
कई जगहों पर तो केंद्रीय पुलिस तक को बुलाना पड़ा था। हमारी टीम की तैयारी इतनी मजबूत थी कि हमने आसानी से मिशन को अंजाम दिया।