एम एल वर्मा के शहीदी दिवस पर प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि दी गई जबकि पैतृक गांव लल्हाडी कलां में उनके भाई रोहतक मंडल आयुक्त संजीव वर्मा ने उनको श्रद्धांजलि दी। इस दौरान गांव के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। रोहतक कमिश्नर संजीव वर्मा के पास लोगों ने गांव के विकास कार्यों की मांग भी रखी। जिसमें गांव में पंचायती जमीन में समुदायिक भवन बनवाने व गांव से बिलासपुर तक बस सुविधा की मांग मुख्य रूप से रखी गई। जिस पर उन्होंने मौका पर अधिकारियों को फोन कर अवगत करवाया।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं पूर्व आईएएस शहीद वर्मा का शहीदी दिवस हर वर्ष प्रदेश भर में 1 फरवरी को आंतकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उस समय हरियाणा सरकार की ओर से एसवाईएल नहर निर्माण और राजधानी चंडीगढ़ सरीखे अहम विवादित मुद्दे एम एल वर्मा देख रहे थे। जिसके चलते वह आतंकवादियों के निशाने पर थे।
1 फरवरी 1992 को जब वह अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव लौट रहे थे तब नारायणगढ़ के पास रास्ते में उनको आतंकवादियों ने गोलियां मार दी थी। इस आतंकवादी हमले में स्वयं एमएल वर्मा, उनकी धर्मपत्नी प्रीति वर्मा, बेटे गौरव और सौरभ, गनमैन तथा गाड़ी के चालक समेत छह लोग शहीद हो गए थे। उस समय एमएल वर्मा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव थे। इन मसलों पर वह केंद्र व पंजाब के साथ होने वाली वार्ताओं में लगातार हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते थे।
छछरौली के लल्हाडी कलां के रहने वाले थे वर्मा
पूर्व आईएएस शहीद एमएल वर्मा मूल रूप से खंड छछरौली के गांव लल्हाडी कलां के रहने वाले थे। उनके छोटे भाई आइएएस संजीव वर्मा फिलहाल रोहतक के मंडलायुक्त है। एमएल वर्मा 1974 बैच के एचसीएस अधिकारी थे। प्रदेश सरकार ने 1988 में उन्हें आइएएस प्रमोट कर दिया था। भजनलाल केंद्र में जब कृषि मंत्री थे, तब एमएल वर्मा उनके निजी सचिव के तौर पर कार्यरत रहे। हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने के बाद भजनलाल उन्हें अपने साथ ले आए थे।
ईमानदार और साफ छवि के अधिकारी रहे वर्मा
शहीद एमएल वर्मा की गिनती ईमानदार और साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों में शामिल रही। वह अपने काम के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहे वह हर समय अपने क्षेत्र को प्राथमिकता देते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में अपने क्षेत्र से दर्जनों लोगों को नौकरी पर लगवाया व अन्य विकास कार्य करवाए। जिसकी बदौलत लोग उनको हमेशा याद रखेंगे। 1992 में वर्मा मुख्यमंत्री भजनलाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव बने थे।
प्रदेश भर में जगह-जगह मनाया गया वर्मा का शहीदी दिवस
आज शहीद एमएल वर्मा की याद में गांव लल्हाडी कलां, छछरौली तिकोना चौक के अलावा कुरुक्षेत्र, जींद, हिसार, पानीपत आदि जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि दी गई। अपनी नौकरी के दौरान वर्मा ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह राज्य सरकार एवं भारत सरकार में कई अहम पदों पर रहे।
कमिश्नर संजीव वर्मा भी रखते हैं क्षेत्र का पूरा ध्यान
क्षेत्र के ठेकेदार जंगशेर खान, जाहिद खान, सरपंच मुस्तकीम, एडवोकेट वीरेंद्र सिंह, बलकार सिंह व सुरेंद्र सिंह आदि का कहना है कि रोहतक कमिश्नर संजीव वर्मा भी अपने भाई की तरह अपने गांव व क्षेत्र का पूरा ख्याल रखते हैं। समय-समय पर लोगों के बीच उपस्थित रहते हैं और लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराते हैं। वह भी अपने भाई शहीद एम एल वर्मा के नक्शे कदम पर चल कर आम जनता के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।