‘20 दिसंबर 2022, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क एरिया में झाड़ियों में फेंकी गई बच्ची के बारे में खबर मिली। बच्ची को कुत्ते नोंच रहे थे। वह 4-6 घंटे पहले ही पैदा हुई थी। मां से जुड़ी गर्भनाल (एंबीलिकल कॉर्ड) भी ताजी थी। कंपकंपाती ठंड में वह एक पतले कंबल में लिपटी हुई थी।
भूख से बिलबिला रही थी। फेंकने से उसका बायां पैर टूट गया था। सुबह 8.30 बजे मैं वहां पहुंचा। बच्ची को घर पर ले गया और पत्नी को दिया। पत्नी ने बच्ची को सीने से लगाकर अपना दूध पिलाया, गर्म कपड़ों में लपेटा।
तब उसे अस्पताल पहुंचाया। उसे हाइपोथर्मिया हो गया था। मासूम को मशीन से गर्मी दी गई तब उसकी जान बची।’
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाने के SHO विनोद कुमार सिंह ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि बच्ची को देखकर यह सोचने पर मजबूर हुआ कि कैसे कोई अपने ही बच्चे को इस हालत में फेंक सकता है।
यह हालात एक शहर के नहीं, बल्कि बच्चों को फेंकने की खबरें हर शहर-कस्बे से सुनाई पड़ती हैं।