November 22, 2024

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को सैक्टर 10 स्थित पोलीक्लीनिक में करोड़ों रुपये की लागत से स्थापित किये गये ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का उद्घाटन किया। यह प्लांट यूएसए इंडिया फाउंडेशन चैम्बर के चेयरमैन पदमश्री अशोक मग्गो द्वारा डोनेट किया गया है। इस मौके पर पदमश्री अशोक मग्गो के साथ-साथ स्थानीय विधायक असीम गोयल नन्योला व उपायुक्त डा0 प्रियंका सोनी भी मौजूद रही।

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पदमश्री अशोक मग्गो द्वारा डोनेट किये गये इस प्लांट के लिये उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्लांट जहां ऑक्सीजन देने का काम करेगा, वहीं यहां से सिलेंडर भरकर जहां भी जरूरत होगी, वहंा भेजे जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मैं उस दिन को एतिहासिक दिन मानता हूं, जब मेरी पदमश्री अशोक मग्गो से मुलाकात हुई थी।

मेरी उनसे मुलाकात जब हरियाणा में प्रवासी भारतीय सम्मेलन हुआ था, तब हुई थी और जब उन्होंने बताया कि मैं अम्बाला छावनी से हूं और मेरा बचपन अम्बाला छावनी में बीता है, मैने बी.डी. स्कूल व एस.डी. कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की है। गृहमंत्री ने कहा कि मैने भी वहीं से पढ़ाई की है और उसके बाद उनसे ज्यादा निकटता हो गई। उसके थोड़े समय बाद ही कोविड महामारी आ गई। पूरे हिन्दुस्तान में लॉकडाउन लग गया। उस समय हमें मालूम नही था कि यह बीमारी क्या है, इसके लिये क्या उपचार चाहिए। सभी तरफ दहशत का माहौल था।

सब तरफ बंद ही बंद था। मुझे याद आता है, जब कोविड के चलते पहली मृत्यु हुई तो उस समय सडक़ के दोनो की तरफ की गलियों के लोग वहां से निकलने से कतराते थे। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के मैडिकल स्टाफ, पैरा मैडिकल स्टाफ तथा अन्य ने अपनी जान को हथेली पर रखकर इस बीमारी से लडऩे का कार्य शुरू किया। उन्होंने कहा कि उस समय हमारे पास बहुत चीजों का अभाव था। हमें मालूम नही था कि हमें यह चीजें कहां से मिलेंगी। एक दिन पदमश्री अशोक मग्गो का फोन आया और उन्होंने कहा कि उन्हें यदि कोई सहायता की आवश्यकता है तो बताएं, उस समय तो एक-एक चीज की आवश्यकता थी।

पदमश्री अशोक मग्गो ने उस वक्त 10 लाख डॉलर के चिकित्सा उपकरण यहां भेजने का काम किया, जिसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसल्टेटर, पीपी किटें व अन्य उपकरण शामिल है। जो भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया  गया, वह उन्होंने यहां भेजने का काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि मैने यह सारा सामान निशुल्क ट्रांसपोर्ट हो, उस बारे सम्बन्धित मंत्री से बातचीत की और सारा सामान वहां से यहां भेजा भी गया।

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