हरियाणा के यमुनानगर जिला का खनन कारोबार प्रदेश में सबसे बड़ा कारोबार है। जिसको लेकर पिछले लंबे समय से अवैध माइनिंग भी जारी रही। अब हरियाणा सरकार के आदेश पर माइनिंग विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। यमुनानगर जिला के अलग-अलग इलाकों में जहा 5 नाके लगाए गए थे वहां अब दो और नाके लगाए गए हैं। इसी के चलते यमुनानगर जिला के अलग-अलग इलाकों में 140 गाड़ियां अवैध खनन से भरी पकड़ी गई हैं।
जिसमें 19 एफ आई आर दर्ज कराई गई हैं। सरकार के राजस्व में भी अवैध माइनिंग कम होने से भारी बढ़ोतरी हुई है। जो ठेकेदार अवैध माइनिंग के चलते घाटे में चल रहे थे वह भी मुनाफे में आ रहे हैं। और सरकार की किस्ते भी समय पर जमा करवाने लगे हैं। यमुनानगर के माइनिंग अधिकारी राजेश सागवान ने बताया कि 40 करोड़ की राशि पिछले 3 महीने में ठेकेदारों द्वारा जमा करवाई गई है।
इससे पहले अवैध खनन की गाड़ियां चलती थी, जिससे राजस्व का नुकसान होता था। और ठेकेदार भी समय पर किस्त नहीं दे पाते थे। उन्होंने बताया कि यमुनानगर में जहां कुछ स्थानों पर पहले खनन ठेका था लेकिन समय पर किस्त जमा कराने के कारण सरकार ने वह ठेका रद्द कर दिया। इन इलाकों से अवैध खनन भी हो रहा था। यह जमीन लगभग 500 हेक्टेयर के आसपास है। इस क्षेत्र में डेढ़ सौ से 200 स्टोन क्रेशर भी थे, जहां अनधिकृत रूप से माल सप्लाई होता था। इससे सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ता था।